केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा-ईवी सब्सिडी के बिना भी लागत को बनाए रख सकते हैं लेकिन प्रोत्साहन का विरोध नहीं। केंद्रीय मंत्री बोले-जल्द ही लिथियम आयन बैटरी की कीमत 100 डालर प्रति किलोवाट घंटा हो जाएगी। उन्न्त प्रौद्योगिकी और प्रतिभाशाली कर्मचारियों की उपलब्धता से आटोमोटिव हब बन सकता है भारत। अगर सरकार प्रोत्साहन से जुड़ा कोई भी फैसला लेती है तो यह आटोमोटिव उद्योग के लिए फायदेमंद होगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि दो साल के अंदर ईवी की लागत पेट्रोल और डीजल वाहनों के बराबर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लिथियम-आयन बैटरी की कीमतों में आई कमी से इलेक्टि्रक वाहन अब बिना सब्सिडी के भी अपनी लागत को कम बनाए रख सकते हैं। हालांकि जहां तक इलेक्टि्रक वाहनों को किसी तरह का प्रोत्साहन या सब्सिडी दिए जाने की बात है तो यह तय करने का काम वित्त और भारी उद्योग मंत्रालय का है। अगर सरकार प्रोत्साहन से जुड़ा कोई भी फैसला लेती है तो यह आटोमोटिव उद्योग के लिए फायदेमंद होगा।
भारत बनेगा दुनिया का आटोमोटिव मैन्यूफैक्चरिंग हब
भारत दुनिया में नंबर एक आटोमोटिव मैन्यूफैक्चरिंग हब बन सकता है। उन्होंने कहा कि उन्न्त प्रौद्योगिकी, किफायती प्रतिभाशाली कर्मचारियों की उपलब्धता और वैश्विक स्तर पर भारतीय आटो उद्योग की अच्छी प्रतिष्ठा जैसे कारके इसके पक्ष में काम करते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या पुराने वाहनों को हटाने में तेजी लाने के लिए सरकारी प्रोत्साहन की आवश्यकता पड़ेगी तो इस पर गडकरी ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं होगी, क्योंकि बाजार की ताकतें आटो कंपनियों को उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए स्वयं कदम उठाने के लिए मजबूर करेंगी।
मोटर वाहन उद्योग 20 लाख करोड़ के पार
भारतीय मोटर वाहन उद्योग ने वित्त वर्ष 2023-24 में 20 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है और अब यह देश में एकत्र कुल जीएसटी में 14-15 प्रतिशत का योगदान देता है।
तिपहिया ईवी अपनाने में हुई उल्लेखनीय वृद्धि
दुनियाभर में विश्व ईवी दिवस मनाया जा रहा है, ऐसे में भारत में विभिन्न श्रेणियों में ईवी को अपनाने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। भारत सरकार के वाहन डैशबोर्ड डेटा से पता चलता है कि ग्रीन मोबिलिटी समाधानों की रुझान बढ़ा है। ईवी पैठ में सबसे उल्लेखनीय रुझान तिपहिया श्रेणी में देखा गया है। 2024 में खरीदे गए सभी नए तिपहिया वाहनों में से 53.61 प्रतिशत इलेक्टि्रक थे, जिससे यह सेगमेंट ईवी अपनाने में अग्रणी बन गया। दोपहिया वाहनों की बिक्री में इलेक्टि्रक वाहनों की हिस्सेदारी 4.97 प्रतिशत है। हालांकि कुल कार बिक्री में इलेक्टि्रक कारों की हिस्सेदारी केवल 2.14 प्रतिशत है। एक अनुमान के मुताबिक, 2024 में बेची गई सभी नई बसों में से 3.20 प्रतिशत इलेक्टि्रक होंगी।