गौ आधारित कृषि के प्रणेता हैं भगवान बलराम
श्री बलराम ने दिया गौ आधारित कृषि का संदेश
किसान दिवस- गाय आस्था के साथ अर्थतंत्र का आधार
भगवान श्री बलराम की जयंती किसान दिवस के रूप में देशभर में मनाई जा रही है। भगवान बलराम के जीवन चरित्र पर ग्रंथों में विस्तृत वर्णन है। गर्ग संहिता के अनुसार देवक्यारू सप्तमें गर्भे हर्षशोक विवर्धने। वज्रं प्रणीत रोहिण्यामनन्ते योगमाया।। अहोगर्भरू व्क विगत इत्यूचुर्माथुरा जनारू। कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म भाद्रमास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को ब्रज (गोकुल) में वसुदेव की प्रथम पत्नी रोहिणी के गर्भ से हुआ। आज जब पूरी दुनिया में पर्यावरण अनुकूल कृषि के समाधान खोजे जा रहे हैं तब भगवान बलराम का जीवन दर्शन कृषि व उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए मार्गदर्शक हैं। भगवान बलराम हलधर , गोकुलेश, गोपति, गेपवृंदेश आदि नाम से संबोधित किए जाते हैं। सनातन संस्कृति से जुड़े बहुत से देवी-देवता जहां संहार करने वाले अस्त्र धारण करते हैं वहीं कृषकों के देवता बलराम हल और मूसल धारण करते हैं।
ऐसी मान्यता है कि सर्वप्रथम भगवान बलराम ने ही ब्रजवासियों को हल के द्वारा कृषि पद्धति से परिचित कराया। इस तरह वह कृषि में नवाचार के प्रवर्तक थे। उन्होंने भाई कृष्ण के साथ कंस के विरोध में आंदोलन चलाया, जिसमें एक ओर वह कंस के लिए भेजे जाने वाले दही, छाछ और दूध की मटकियों को फोड़ देते थे, वहीं गांव वालों को मूसल के जरिए मसाले व अन्य खाद्य पदार्थ बनाने के लिए प्रोत्साहित करते थे। ऐसे में यह माना जा सकता है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की प्राथमिक संकल्पना उन्होंने प्रदान की। बलराम जल के समुचित एवं नियोजित उपयोग के पक्षधर थे। खेतों तक नहरों के जरिए जल उपलब्धता के विचार का उन्हें संवाहक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि उनके आग्रह पर ही पवित्र यमुना नदी की जलधारा असिंचित क्षेत्रों तक पहुंची थी। इसके बाद नहर व्यवस्था की संकल्पना का प्रादुर्भाव हुआ है।
बलराम का जीवन स्वदेशी पद्धति से जैविक कृषि एवं मुख्य रूप से गौ आधारित अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरणास्पद है। देश में 65 प्रतिशत जनसंख्या गांव में निवास करती है, इनमें 47 प्रतिशत आबादी कृषि व उससे जुड़ी गतिविधियों से आजीविका प्राप्त करती है। कुछ दशक पूर्व तक हमारे गांव की आत्मनिर्भरता का आधार गौ आधारित अर्थव्यवस्था थी। गाय व अन्य पशुधन दुग्ध व अन्य खाद्य पदार्थों की उपलब्धता के साथ रासायनिक खाद का विकल्प मुहैया कराते थे। आज भले ही यूरोप सस्टेनेबिलिटी के मानक विकसित कर रहा है लेकिन भारत हजारों सालों से समावेशी विकास का केंद्र रहा है। ऐसे में यदि हम गौ संवर्धन की ओर पुनरू लौटते हैं तो अंततरू परिशुद्ध व जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। यह किसानों को आमदनी के नये विकल्प देता है। हमने गौ आधारित कृषि की अनदेखी की, इसका परिणाम रासायनिक खाद के बेतहाशा इस्तेमाल तथा मिट्टी की कम होती उर्वरा शक्ति के रूप में सामने आ रहा है। इसके समाधान के नाम पर वैश्विक बाजार की शक्तियां बीज से लेकर ऊर्वरक क्षेत्र में भारत में अपना मुनाफा देख रही हैं। गौ वंश कृषि कार्य के साथ ही दुग्ध उत्पादन से लेकर जैविक खाद के प्रमुख माध्यम हैं। गव्य पदार्थों की उपलब्धता प्रत्यक्ष रूप से सुपोषण स्तर को बेहतर बनाती है। देश का अन्नदाता भारत मां की खुशहाली का वाहक है। ऐसे में उसे सुदृढ़ करने की आवश्यकता है न कि उसे राजनीतिक का शिकार बनाना ठीक नहीं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि किसानों के भगवान बलराम राजनीतिक स्वार्थों से हमेशा अस्पृश्य रहे। महाभारत के युद्ध में बलराम ने कौरव पांडव में किसी पक्ष का साथ न देते हुए स्वयं को युद्ध और राजनीति से दूर रख तीर्थ यात्रा पर निकल गए। उनका यह चरित्र किसानों के गैरराजनीतिक होने की प्रेरणा देता है।
भारत जिस प्रकार दुनिया भर में पर्यावरण अनुकूल विकास का नेतृत्वकर्ता बनने की ओर अग्रसर है, ऐसे में भगवान बलराम का जीवन दर्शन संपूर्ण मानवता के लिए कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगा।
Join our app to earn points & get the text & video content in your preffered language
PLease Click Here to Join Now
Search
Categories
- City News
- State News
- National
- Crime
- Entertainment
- Viral News
- Special
- Sports
- Politics
- Business
- International
- Health
- Spiritual
- Agriculture
- Education
- Election
Read More
2022 गणेश चतुर्थी : कोरोना लोकडाउनके बाद भक्तोके साथ साथ व्यापारियोंमें भी खुशी की झलक देखनेको मिली
2022 गणेश चतुर्थी : कोरोना लोकडाउनके बाद भक्तोके साथ साथ व्यापारियोंमें भी खुशी की झलक देखनेको...
ગુજરાત ના ઇલેક્સન નું સચોટ અને સાચું પરિણામ વિસ્તાર થી ફક્ત અહીં જોવા ક્લિક કરો ઘરે બેઠા
ગુજરાત ની દરેક વિધાનસભા સભા નું સચોટ અને સાચું ફક્ત આ બ્લુ લિંક પર ક્લિક કરો...
ಆನ್ ಲೈನ್ ಗೇಮಿಂಗ್ ಕಡಿವಾಣಕ್ಕೆ ಕ್ರಮ : ಸಚಿವ ದಿನೇಶ್ ಗುಂಡೂರಾವ್
ಆನ್ ಲೈನ್ ಗೇಮಿಂಗ್ ಕಡಿವಾಣಕ್ಕೆ ಕ್ರಮ: ಸಚಿವ
ದಿನೇಶ್ ಗುಂಡೂರಾವ್
ಬೆಂಗಳೂರು : ಆನ್ ಲೈನ್ ಗೇಮಿಂಗ್ ಆ್ಯಪ್...
বৰহাটৰ পঁইটাখাত ৰাইজে এটুপি বিশুদ্ধ খোৱা পানীৰ বাবে ৰাইজে জীয়াতু ভুগিছে
বৰহাটৰ পঁইটাখাত ৰাইজে এটুপি বিশুদ্ধ খোৱা পানীৰ বাবে ৰাইজে ভুগিছে। কৃষক মুক্তি সংগ্ৰাম সমিতিৰ...