इतिहास लेखन के क्षेत्र में डॉ. नागोरी 151 पुस्तकें लिखकर विश्व में तीन बार वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज करवाने वाले प्रथम जैन एवं भारतीय है। उन्होने विश्व में भारत और जैन समाज को गौरवान्वित किया है।
जन्म एवं परिवार परिचय :-
डॉ. एस.एल. नागोरी (जैन) का जन्म राजस्थान के चित्तौडगढ़ जिले के डूंगला ग्राम में 04.07.1949 को धर्मपराण दम्पती श्रीमती मनोहर बाई- श्री गुलाबचन्द जी नागोरी के सबसे बडे पुत्र के रूप में हुआ। आपके दो लघुभ्राता जिनशासन की सेवा कर रहे हैं। प्रथम-राष्ट्र सन्त कमलमुनि कमलेश एवं उप-प्रवर्तक श्री चन्द्रेश मुनि जी म.सा.। एक भाई मदनलाल नागोरी तहसीलदार के पद से सेवानिवृत हुए हैं। पारिवारिक दृष्टि से भी आप अत्यन्त भाग्यशाली हैं। प्रेरणादायी एवं कर्तव्य परायण व सतत सहयोगी पत्नी श्रीमती कान्ता नागोरी का साथ आपको प्राप्त हुआ। आपके पुत्र डॉ. जीतेश, आई.ए.एस. है तथा वर्तमान मे अहमदाबाद मे कमिश्नर के पद पर पदासीन है तथा दूसरे पुत्र व्यवसायत हैं। डॉ. नागोरी ने 1974 ई. में उदयपुर विश्वविद्यालय से एम.ए. इतिहास में प्रथम श्रेणी में सर्वप्रथम रहकर स्वर्ण पदक प्राप्त किया। 1978 ई. में आपने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
डॉ. नागोरी ने राजस्थान लोक सेवा आयोग से व्याख्याता चयनित होने के बाद प्रतापगढ़ सिरोही, डीडवाना, बून्दी आदि राजकीय महाविद्यालयों में 35 वर्ष तक अध्यापन का कार्य किया और एक आदर्श शिक्षक के रूप में ख्याति प्राप्त की। वर्ष 2009 में आप राजकीय कन्या महाविद्यालय, बून्दी से प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत हुए।
शैक्षणिक क्षेत्र में :-
आप शोध निदेशक, इतिहास पाठ्यक्रम समिति के सदस्य, विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रश्न निर्माता, परीक्षक एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग के लिए 20 वर्षो से इतिहास विषय विशेषज्ञ के रूप में बुलाये जाते रहे है।
प्रकाशन के क्षेत्र में :-
नागोरी की 151 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है, जिनमें कई मल्टीवोलियम्स भी प्रकाशित हुए हैः-
1. प्राचीन भारत का वृहत् इतिहास-तीन भाग
2. मध्यकालीन भारत का वृहत् इतिहास- चार भाग
3. आधुनिक भारत का वृहत् इतिहास- चार भाग
4. विश्व का वृहत् इतिहास-तीन भाग
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर प्रकाशित पुस्तकें :-
1. भारत का राष्ट्रीय आन्दोलन एवं संवैधानिक विकास- चार भाग
2. मौलाना अब्बुल कलाम
3. श्रीमती एनीबीसेंट एवं भारत का राश्ट्रीय आंदोलन।
4. 1857 के क्रान्तिकारी।
5. महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आन्दोलन।
6. विदेशों में भारतीय क्रान्तिकारी।
इतिहास की अन्य महत्वपूर्ण पुस्तकें :-
1. मुगल सम्राट बाबा 2. विश्व के प्रमुख धर्म
3. विश्व की प्राचीन सभ्यताएँ। 4. भारत रत्न विभूतियां।
5. राजस्थान का स्वतंत्रता संग्राम। 6. भारत के स्वतंत्रता सेनानी।
7. विश्व की प्रसिद्ध क्रान्तियां 8. राजस्थान का सांस्कृतिक इतिहास।
9. दिल्ली सल्तनत। 10. मुगल कालीन भारत।
11. यूरोप का इतिहास।
12. एशिया का इतिहास।
13. मराठों का इतिहास।
इतिहास कोश (डिक्शनरिज) का लेखन :-
आप देश के एकमात्र ऐसे इतिहासकार हैं, जिनके 15 इतिहास कोश (डिक्शनरिज) प्रकाशित हो चुके हैं। इनमें से प्रमुख हैं-
1. भारतीय इतिहास कोश।
2. भारतीय स्वतंत्रता सेनानी कोश।
3. भारतीय महिला स्वतंत्रता सेनानी कोश।
4. प्राचीन भारतीय इतिहास का व्यक्तित्व कोश।
5. मध्यकालीन भारतीय इतिहास का व्यक्तित्व कोश।
6. आधुनिक भारतीय इतिहास का व्यक्तित्व कोश।
7. आजादी के शहीदों का कोश।
8. राजस्थान का इतिहास कोश।
9. राजस्थान का स्वतंत्रता सेनानी कोश।
10. विश्व इतिहास।
11. महिला क्रान्तिकारी कोश।
12. 1857 का क्रान्तिकारी सेनानी कोश।
इतिहास की इन कोशों को प्रशासनिक विद्यार्थी बड़े चाव से पढ़ते हैं। उनकी 21 पुस्तकों को शोधार्थी शोध संदर्भ के रूप में प्रयुक्त कर चुके हैं।
डॉ. नागोरी के सम्मान :-
डॉ. नागोरी ने इतिहास विषय में 151 पुस्तकें लिखकर एक नया इतिहास रच दिया है। वे प्रथम भारतीय एवं जैन है, जिनका तीन बार विश्व रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ हैं। उन्हे निम्नलिखित राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने सम्मानित किया है।
1. अमेरिकन बायोग्राफिकल इन्स्टीट्यूट नॉर्थ केरोलिना द्वारा आपका नाम विश्व के 125 इतिहासकारों की सूची में शामिल। इसी संस्थान द्वारा मैन ऑफ दी ईयर 2009 के सम्मान से अलंकृत।
2. 2011 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड से नवाजा गया।
3. 2011 इण्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा सम्मानित।
4. 2018 में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस।
5. यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड।
6. इन्क्रेडिबल ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा वर्ल्ड रिकॉर्ड से नवाजा गया।
7. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार एवं हरियाणा आदि राज्यों की कई प्रसिद्ध साहित्यक संस्थाओं ने भी आपको राष्ट्रीय प्रतिभा साहित्यकला रत्न एवं राष्ट्र गौरव आदि सम्मानों से अलंकृत किया है।
धार्मिक एवं आध्यात्मिक जीवन :-
धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से भी नागोरी अत्यन्त समृद्ध है। तप एवं त्याग के साथ निःस्वार्थ भाव से दूसरो की मदद करना आपके जीवन की एक अनूठी विशेशता है। डॉ. नागोरी सरलता, विनम्रता एवं उदारता के प्रतीक है।
साधना :-
डॉ. नागोरी का आध्यात्मिक जीवन उत्कृष्ट हैं। आपका जीवन किसी संत महात्मा से कम नही।
1. डॉ. नागोरी ने 42 वर्श की युवावस्था (1992 ई.) मे ही श्रावक के बारह व्रत धारण कर लिये थे।
2. आप गृहस्थ जीवन में रहते हुए 39 वर्षो से ब्रह्मचर्य का पालन कर रहे हैं।
3. आप 1992 से 2013 (21 वर्ष) तक रात्रि मे 11 बजे से प्रातः 5 बजे तक ईश्वर की भक्ति में लीन रहे है। अब स्वास्थ्य की प्रकिलता के कारण रात्रि मे चार घंटे तक प्रभु भक्ति में लीन रहते है।
3. आपने 27 वर्षो तक दीपावली पर तेले तप की आराधना की है।
4. यह स्मरणीय है कि आपने 2002 मे एक अभिग्रह धारण किया था जो 2008 ई. मे जाकर फलित हुआ। इस अवधि मे आपने घी शक्कर का सेवन नही किया था।
दान प्रवृति :-
डॉ. नागोरी अभी तक 81 लाख रूपये की राशि दान मे निकाल चुके है, जिसकी वजह से कई प्रतिक्षित संस्थाओं ने आपको ‘‘दानवीर भामाशाह’’ की उपाधि से अलंकृत कर सम्मानित किया है।
1.आपने अपने जन्म स्थान डूंगला की गौशाला में पूज्य माता-पिता की स्मृति मे 27 लाख रूपये की लागत से जैन साधु एवं साध्वियों के लिए साधना भवन का निर्माण करवा कर उनको ऐतिहासिक श्रद्धाजंलि अर्पित की है।
2. आप तीन लाख मूल्य की पुस्तके विभिन्न महाविद्यालयों को भेंट कर चुके है।
3. आप कई शैक्षणिक संस्थाओं मे वाटर कूलर लगवाना, गरीब बच्चों को ऊनी वस्त्र एवं स्कूल ड्रेस आदि भेंट कर चुके है।
4. आप गायों को घास एवं कबूतरों को दाना नियमित रूप से डलवाते रहे है। आप पिछले 15 वर्ष से प्रतिदिन गायों को 500 रूपये प्रतिदिन अपने ईष्ट प्रभु के नाम से घास डलवा रहे है।
5. आपको समाज सेवा एवं दानवीर भामाशाह होने के कारण नई दिल्ली की ऑल इण्डिया श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन क्रान्फेन्स, नई दिल्ली द्वारा 2017 में ‘‘समाज भूषण’’ के सम्मान से सम्मानित किया था।
आप निरन्तर परमार्थ के कार्य मे उतरोत्तर प्रगति करते रहें, इसी मंगल मनीषा के साथ।