नैनवा क्षेत्र के किसानों ने की ईआरसीपी मे अवाप्त जमीन का 10 गुना मुआवजा देने की मांग

प्रधान पदम नागर की अगुवाई में बड़ी संख्या में लोकसभा स्पीकर के पास कोटा कैंप कार्यालय पहुंचे किसान

बूंदी। जिले के नैनवां करवर क्षेत्र के किसान रविवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मिले ओर ईआरसीपी योजना के तहत अवाप्त होने वाली जमीन की एवज मे 10 गुना मुआवजा देने की मांग रखी। किसानो ने फसल खराबे मे मिलने वाले मुआवजे मे नये नियम की अडचन को दूर करने की मांग भी की। नैनवां प्रधान पदम नागर की अगुवाई में बसों एवं कारों में सवार होकर बड़ी संख्या में कोटा कैंप कार्यालय पहुंचे किसानों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को क्षेत्र में बाढ़ से हुए नुकसान और परेशानी से अवगत करवाया।

नैनवां उपखंड सहित करवर क्षेत्र के किसानो ने लोकसभा स्पीकर से फरियाद लगाई कि ईआरसीपी के तहत सरकार उनकी जमीने अवाप्त कर रही है। इन अवाप्त होने वाली जमीनो के बदले डीएलसी दर का 10 गुना मुआवजा ओर परिवार के एक सदस्य को संविदा के तहत नौकरी दी जाए। किसानो का कहना था कि बडी मुश्किल से किसानो ने आजीविका के लिए जमीनों को तैयार किया है। जमीन अवाप्त होने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति पर दूरगामी परिणाम पडेंगे। इसके अलावा सरकार वर्तमान में जो मुआवजा दे रही है उस राशि से किसानो के लिए दुबारा जमीन खरीदना संभव नही है।

फसल खराबे के मुआवजे मे नये नियम की परेशानी

किसानो ने स्पीकर को फसल खराबे के मुआवजे मे नये नियम की परेशानी से अवगत कराया। किसानो ने कहा कि नये नियम के अनुसार फसल कटिंग स्टेज पर खराब होती है तभी मुआवजे का प्रावधान किया गया है। जबकि नैनवां उपखंड मे भारी बरसात से फसलो को भारी नुकसान हुआ है। कई गांवो मे तो अभी भी खेत जलमग्न है। ऐसे में बाढ की स्थिति मे फसल कटिंग स्टेज तक पहुंच ही नही पाएगी। इसके चलते किसानो को मुआवजे से वंचित होना पड रहा है। इस वर्ष अब तक नैनवां क्षेत्र में बूंदी जिले में सबसे ज्यादा 1350 एमएम बारिश हो चुकी है। प्रधान पदम नगर ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से अनुरोध किया कि क्षेत्र के किसानों को फसल बीमा उपलब्ध करवाया जाए।

ईआरसीपी के तहत असिंचित क्षेत्रों को मिले नहरी पानी

किसानो ने ईआरसीपी के तहत क्षेत्र के असिंचित क्षेत्रों को नहरी पानी का लाभ उपलब्ध करवाने की मांग रखी।किसानो ने कि नैनवां क्षेत्र मे नहरी तंत्र विकसित नही है।इसके चलते एक बडा रकाब पानी के अभाव मे फसल उत्पादन से छूट जाता है। क्षेत्र के किसानो को नहरी पानी मिलता है तो सिंचाई मे काफी मदद मिलेगी।

स्पीकर ओम बिरला ने मुआवजे के विषय मे पर्याप्त मुआवजा दिलाने का भरोसा दिया ओर कहा है कि इस दिशा मे सरकार के स्तर पर चर्चा कर अधिकतम मुआवजा दिलाने का प्रयास करेगे। फसल खराबे पर कहा कि पिछली सरकार के समय बीमा कंपनी से तीन साल के लिए करार हुआ था उसमे ज्यादा फेरबदल की गुंजाइश नही है फिर भी प्रयास करेगे कि पीडित किसानो को ठीक मुआवजा मिल सके। इस दौरान तालेड़ा प्रधान राजेश रायपुरिया, केशवराय पाटन प्रधान वीरेंद्र सिंह हाडा सहित क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधि एवं किसान बंधु मौजूद रहे।