महाराष्ट्र में सियासी संग्राम के बीच बागी गुट ने सियासी गठबंधन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शुक्रवार देर रात एकनाथ शिंदे गुवाहाटी से इंदौर होते हुए वडोदरा गए थे, जहां उनकी मुलाकात महाराष्ट्र के पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस से हुई।
सूत्रों के मुताबिक वडोदरा में फडणवीस से मुलाकात के बाद शिंदे रात में ही गुवाहाटी लौट आए। वहीं शनिवार सुबह शिंदे गुट ने दावा कर दिया कि उसके पास 38 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिससे दलबदल कानून उन पर लागू नहीं होगा
शााम एकनाथ शिंदे ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा- प्रिय शिवसैनिकों, अच्छी तरह से समझें, महा विकास अघाड़ी (MVA) के खेल को पहचानो..! मैं शिवसेना और शिवसैनिकों को MVA के अजगर के चंगुल से मुक्त कराने के लिए संघर्ष कर रहा हूं। यह लड़ाई आप शिवसैनिकों के फायदे के लिए है।
शिवसेना की हाईलेवल मीटिंग में उद्धव ने शिंदे पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा- शिंदे पहले नाथ थे, लेकिन अब दास हो गए हैं। उद्धव ने आगे कहा कि सुलगते बम पर बागी बैठे हुए हैं। बालासाहब का नाम लेकर कोई पॉलिटिक्स नहीं कर पाएंगे। उद्धव की मीटिंग में 6 प्रस्ताव पास किया गया।
शिवसेना बालासाहब की है और रहेगी और किसी को भी बालासाहब के नाम का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा।
बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे से शिवसेना संगठन में से नेता का पद छीन लिया जाए।
बागी विधायको पर कारवाई करने का अधिकार शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे को दिया गया है।
मराठी अस्मिता और हिंदुत्व के मुद्दे पर आगे शिवसेना और आक्रमक रवैया अपनाएगी।
कोरोना काल में उद्धव ठाकरे किए काम और धारावी मॉडल की सराहना को लेकर धन्यवाद पेश किया गया।
मुंबई महानगरपालिका के चुनाव में फिर से शिवसेना की जीत का संकल्प लिया गया।वसैनिकों का शिंदे के बेटे के दफ्तर पर हमलापॉलिटिकल ड्रामे के पांचवे दिन यानी शनिवार को शिवसेना के कार्यकर्ता हिंसा पर भी उतर आए। शिवसैनिकों ने पहले पुणे में बागी विधायक तानाजी सावंत के घर पर तोड़फोड़ की। इसके बाद शिंदे के बेटे व कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे के दफ्तर पर पत्थरबाजी की।