कोटा शहर की अनंतपुरा पुलिस ने दिल्ली पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी अखिलेश कुमार (32) जमुई बिहार हाल निवासी रोहिणी सेक्टर 7 दिल्ली का रहने वाला है। आरोपी ने दो साल पहले कोटा के ओम कोठारी इंस्टीट्यूट में फर्जी दस्तावेजों से परीक्षा केन्द्र खोला था। इसके बाद ओम कोठारी फाउंडेशन को पता चला कि उनके नाम से केन्द्र संचालित किया जा रहा था। स्थानीय प्रतिनिधि अमित सिंह ने 2022 में प्रकरण दर्ज करवाया था। आरोपी दो साल से फरारी काट रहा था। कोटा पुलिस ने उसे हरियाणा के जींद से गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में अब बेंगलुरु से दिल्ली तक करोड़ों रुपए हवाला करने के तार भी सामने आए हैं। एसपी डॉ. अमृता दुहन ने बताया- वर्ष 2020 में आरोपी अखिलेश कुमार ने मैसर्स ओम कोठारी फाउंडेशन से उसका परिसर ऑनलाइन परीक्षा केन्द्र चलाने के लिए किराए पर लिया था। अखिलेश तथा स्थानीय संचालक हिमांशु राठोर ने ओम कोठारी फाउंडेशन के प्रतिनिधि अमित सिंह राठोर के फर्जी हस्ताक्षर करके ऑनलाइन परीक्षा करवाने वाली टीसीएस कम्पनी को उक्त परीक्षा केन्द्र स्वयं का होना बताया था।
जींद हरियाणा में फरारी काट रहा था
कम्पनी को उक्त परीक्षा केन्द्र आवंटित कर दिया गया। आरोपी उक्त केन्द्र पर परीक्षा करवाते रहे। वर्ष 2022 में दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती परीक्षा भी यहां पर आयोजित की गई। उक्त परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली होने पर दिल्ली क्राइम ब्रांच ने प्रकरण दर्ज करवाया।दिल्ली पुलिस ने उक्त प्रकरण में काफी लोगों को हिरासत में लिया था। केस दर्ज होने के बाद अखिलेश कुमार दिल्ली का घर छोड़कर जींद हरियाणा में फरारी काट रहा था।
क्रेडिट कार्ड, मोबाइल, लैपटॉप, सीपीयू व हार्ड डिस्क जब्त
अनन्तपुरा पुलिस ने अखिलेश कुमार (32) निवासी खैरा, जिला जमुई बिहार, हाल रोहिणी सेक्टर 7 दिल्ली को हरियाणा के जींद से गिरफ्तार किया। आरोपी को उसका नया मोबाइल नम्बर ट्रेस कर पकड़ा गया। आरोपी के पास से करीब 15-20 बैंकों के क्रेडिट कार्ड, 7-8 मोबाइल, लैपटॉप, सीपीयू व हार्ड डिस्क जब्त किए हैं।
करोड़ों के हवाला के लेन-देन का पता चला
आरोपी के मोबाइल में करोड़ों के हवाला के लेन-देन का पता चला है, जो बेंगलुरु से दिल्ली में पहुंचाया जाता था। वहीं, स्थानीय प्रतिनिधि अमित सिंह की संलिप्तता के बारे में भी पूछताछ की जा रही है। आरोपी के अन्य दिल्ली निवासी साथी व बेंगलुरु निवासी मुख्य सरगना के बारे में पूछताछ की जा रही है।
कंप्यूटर को दिल्ली जोड़ कर हल करते थे पेपर
सीआई भूपेन्द्र सिंह ने बताया- आरोपी अखिलेश कुमार ने अपने दस्तावेजों के आधार पर पहले बैंक में खाता खुलवाया। फिर परिसर किराए से लिया। उसके बाद यहां पर परीक्षा आयोजित करवाई गई। जिस भी परीक्षार्थी को पास करवाना होता था, उसके कम्प्यूटर को सीधा दिल्ली में इनके जानकार से ऑनलाइन जोड दिया जाता।
इसमें पूरा पेपर ही दिल्ली में बैठा उसका प्रतिनिधि हल करता था।