कर्मयोगी सेवा संस्थान की ओर से शवों को अंतिम सम्मान देने के लिए एमबीएस चिकित्सालय में कफन की व्यवस्था की है। संस्थान के पांच प्रतिनिधियों संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी, अध्यक्ष अलका दुलारी जैन कर्मयोगी, संरक्षक मंगलामुखी नैना देवी, मंगलमुखी ख्वाहिश, कोटा जिलाध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा, लक्ष्मी नारायण गर्ग ने एसबीएस अधीक्षक डॉ. धर्मराज मीना को 100 कफन का कपड़ा सौंपा। इस दौरान फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के डॉ. अशोक मुंदड़ा, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद आहूजा भी उपस्थित थे।
यह कफन मंगलमुखी नैना देवी के सहयोग से उनके जन्मदिन पर उपलब्ध कराए गए। नैना देवी ने कहा कि अंतिम समय में कफन उपलब्ध कराना सबसे बड़ा धर्म माना जाता है। उन्होंने अपना जन्मदिन नहीं मनाते हुए उस राशि को कफन पर खर्च करना उचित समझा। कर्मयोगी सेवा संस्थान के माध्यम से कफन वर्ष भर एमबीएस अस्पताल की आवश्यकता में उपलब्ध रहेंगे। कर्मयोगी सेवा संस्थान के संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी, अध्यक्ष अलका जैन कर्मयोगी ने बताया महाराव भीम सिंह चिकित्सालय संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने से यहां कोटा जिले के आसपास के जिलों एवं सीमावर्ती राज्य मध्य प्रदेश के मरीज इलाज के लिए यहां पर भर्ती होते हैं। इनमें प्रतिदिन कई मरीज उपचार के दौरान दम तोड़ देते हैं या वह आते ही ऐसी हालत में हैं कि उपचार के बाद भी उनका बचना संभव नहीं हो पाता। इसके अलावा भी पुलिस केस से संबंधित मामले जैसे सड़क दुर्घटना आत्महत्या हत्या आकस्मिक मौत आदि मामलों में मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया जाता है। चिकित्सकों द्वारा मृत्यु घोषित करने के बाद अस्पताल से डेड बॉडी को एमबीएस मोर्चरी ले जाते हैं। उस समय डेड बॉडी पर कफन की आवश्यकता विशेष रूप से होती है। जिससे कि अस्पताल में आने वाले लोगों की निगाह बॉडी पर पड़े बिना कफन के बॉडी को देखकर लोगों के दिल दहल जाते हैं। एक माह में लगभग 100 से भी अधिक इस प्रकार के केस मैं कफन की आवश्यकता होती है। इस आवश्यकता की पूर्ति वर्ष भर सहजता के साथ करवाए जाने का बीड़ा कर्मयोगी सेवा संस्थान द्वारा उठाते हुए एमबीएस पुलिस चौकी पर कफन रखवाने की व्यवस्थाएं निश्चित कर दी गई है। अब जरूरतमंद व्यक्ति वहां से निशुल्क कफन प्राप्त कर सकेगा।