राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा, मणिपुर में परिस्थितियां कठिन बनी हुई हैं। स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वहां कारोबार या सामाजिक सेवा के लिए गए लोगों के लिए माहौल अधिक चुनौतीपूर्ण है।उन्होंने कहा- इस सबके बावजूद संघ के कार्यकर्ता दोनों गुटों (कुकी और मैतेई) की मदद और माहौल सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। कार्यकर्ता न तो वहां से भागे, न ही हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे। वे जनजीवन सामान्य करने, गुस्सा कम करने और राष्ट्रीय एकता की भावना बढ़ाने का काम कर रहे हैं।भागवत ने कहा- मणिपुर में NGO सब कुछ नहीं संभाल सकते। संघ स्थिति सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। संघ सभी पक्षों से बातचीत कर रहा है। स्वयंसेवकों ने लोगों का विश्वास हासिल कर लिया है। स्थानीय लोगों ने सालों से संघ के काम को देखा है, इसलिए विश्वास किया है।भागवत ने कहा- लगभग 40 साल पहले यहां (मणिपुर) की स्थिति और बदतर थी। इसके बावजूद लोग वहीं रहे, काम किया और स्थिति को बदलने में मदद की। संघ के स्वयंसेवक और प्रचारक मणिपुर लगातार जाते रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र का हिस्सा बनकर बदलाव लाने के लिए काम किया।भारत को लेकर जो सपना देखा गया है, उसे हासिल करने में दो और पीढ़ियां लगेंगी। रास्ते में हमें उन लोगों से बाधाओं का सामना करना पड़ेगा जो भारत के उत्थान से ईर्ष्या करते हैं। हमें इन बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।