अभिनेत्री से राजनेता बनीं कंगना रनौत की आगामी फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर चल रहे विवाद के बीच बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) को सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश देने में असमर्थ है, क्योंकि यह एमपी हाईकोर्ट के आदेश का खंडन होगा.कोर्ट ने सीबीएफसी को 18 सितंबर तक फैसला लेने को भी कहा है. मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को होनी है. 'इमरजेंसी' की सह-निर्माता कंपनी जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म की रिलीज और सेंसर सर्टिफिकेट की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि सेंसर बोर्ड ने मनमाने ढंग से और अवैध रूप से फिल्म के सेंसर सर्टिफिकेट को रोक रखा है.मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सीबीएफसी को सिख समूहों द्वारा किए गए अपील पर विचार करने का निर्देश दिया था, जिन्होंने उसके समक्ष याचिका दायर की थी. इससे पहले, बॉम्बे कोर्ट ने कहा कि वह याचिका को खारिज नहीं कर रहा है, और यदि एक सप्ताह की देरी होती है, तो यह कोई आफत नहीं लाने वाली. अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि ये तर्क मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष रखे जाने चाहिए थे.अदालत ने कहा कि वह याचिकाकर्ता के पक्ष में है और सवाल किया कि कुछ समूह बिना देखे ही यह कैसे निर्धारित कर सकते हैं कि फिल्म आपत्तिजनक है.अदालत ने आगे कहा कि यदि वह सीबीएफसी को प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देता है, तो यह दूसरे उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होगा, जो उसके सामने आने वाली कठिनाइयों को जाहिर करता है.