भारतीय जनता पार्टी वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर मुस्लिम समुदाय के साथ बातचीत करने के लिए पूरी तरह तैयार है, क्योंकि इस संबंध में गठित सात सदस्यीय टीम ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में अपनी पहली बैठक की। बैठक में समुदाय तक पहुंचने, उनके सुझाव मांगने और विधेयक के बारे में किसी भी गलतफहमियों को दूर करने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई। भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी, भाजपा (संगठन) के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रभारी दुष्यंत गौतम ने सात सदस्यीय टीम के साथ बैठक की। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने 31 अगस्त को 7 सदस्यीय टीम का गठन किया है। टीम अपनी रिपोर्ट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को सौंपेगी। टीम बताएगी कि संपत्तियां वक्फ को क्यों दी जाती हैं और इसका किस तरह से दुरुपयोगकिया जा रहा है, साथ ही वक्फ बोर्ड में संशोधन की आवश्यकता पर जोर दिया जाएगा। यह 7 सदस्यीय टीम देशभर के वक्फ बोर्ड के अध्यक्षों, पूर्व अध्यक्षों और सदस्यों से बात करेगी, जो अपने-अपने राज्यों में मुस्लिम समाज से संवाद करेंगे। नियुक्त वक्फ बोर्ड के नेता अपने-अपने राज्यों में विभिन्न माध्यमों से मुस्लिम समुदाय से संवाद करेंगे।टीम के सदस्यों में भाजपा शासित चार राज्यों उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा और गुजरात के वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष क्रमश: शादाब शम्स, सनावर पटेल, चौधरी जाकिर हुसैन और मोहसिन लोखंडवाला तथा भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दो सदस्य मौलाना हबीब हैदर, नासिर हुसैन और हिमाचल प्रदेश के वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष राजबली शामिल हैं।सूत्रों के अनुसार, सात सदस्यों की समिति विपक्ष द्वारा वक्फ बोर्ड को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को लेकर कई जागरूकता अभियान चलाएगी, ताकि लोगों में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर किसी तरह का भ्रम न रहे। बीएल संतोष ने अधिक से अधिक लोगों से सुझाव मांगने को कहा है, ताकि मुसलमानों को यह न लगे कि वक्फ बोर्ड उनके विपरीत काम करेगा। सूत्रों के अनुसार, सात सदस्यों वाली समिति जल्द ही संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल से मुलाकात करेगी और मुस्लिम समुदायों से लिए गए सुझावों को देगी। केंद्र ने बजट सत्र के दौरान संसद में पेश किए गए वक्फ (संशोधन) विधेयक को जेपीसी को भेज दिया है।