जयपुर के शास्त्रीनगर इलाके से नाहरगढ़ के चरण मंदिर घूमने गए दो भाइयों में से छोटे आशीष पाराशर का शव पहाड़ियों पर मिल चुका है। इसके सिर के पीछे चोट का निशान मिला है। वहीं, बड़ा भाई राहुल अभी लापता है। राहुल की तलाश में आज एनडीआरएफ की टीम जंगल में उतर गई है। वहीं, जयपुर सिविल डिफेंस की टीम भी दो दिन से जंगल में सर्च कर रही है।मंगलवार सुबह करीब 7 बजे एनडीआरएफ ने तलाश शुरू कर दी है। अब एनडीआरएफ के 20 जवान, सिविल डिफेंस के 20 जवान और पुलिस मिलकर सर्च कर रहे हैं। रविवार रात 11 बजे से शुरू हुआ सर्च ऑपरेशन 36 घंटे से चल रहा है।सिविल डिफेंस के डिप्टी कंट्रोलर अमित कुमार ने बताया- उनकी टीमें शिफ्ट बदल-बदल कर सर्च कर रही हैंं। अभी तक सफलता नहीं मिली है। मनीष की बॉडी मिलने के बाद उम्मीद थी की राहुल भी एक-दो किलोमीटर के इलाके में ही मिल सकता है। लेकिन वह अभी तक नहीं मिला। यह हैरानी की बात है। जंगल अंदर जाकर और गहरा होता जा रहा हैं। इसलिए सर्च में भी परेशानी आ रही है। एनडीआरएफ और जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने राहुल को सर्च करने के लिए ड्रोन भी उड़ाया है। आशीष का शव मिलने से परिवार काफी टूट गया है। हाालांकि परिवार को अभी उम्मीद है कि उनका राहुल सही सलामत मिलेगा। दरअसल, आशीष का शव सोमवार को एक झाड़ी मे मिला था। अधिकारियों की माने तो मौके पर शव देखने से लगा है कि वह डर के झाड़ी में घुसा है। वह किससे डर के झाड़ी में गया। इसे लेकर कयास लगाये जा रहे हैं कि अंधेरे को देखकर डरा होगा। किसी जानवर से बचने के लिए झाड़ी में छिपा होगा। आशीष के सिर के पीछे एक चोट का निशान है। इसे मौके पर पहुंची एफएसएल की टीम ने देखा था। पोस्टमार्टम होने के बाद ही मौत के सही कारणों के बारे में जानकारी मिल सकती है।

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