ब्राजील में एलन मस्क के एक्स पर बैन लगा दिया गया है। लंबे समय से मस्क और कोर्ट के बीच चल रही तनातनी के चलते कोर्ट ने ये एक्शन लिया है। कोर्ट ने गूगल और एपल को भी अपने-अपने ऐप स्टोर से एक्स को रिमूव करने का आदेश दिया है। अगर कोई वीपीएन लगाकर एक्स का इस्तेमाल करता है तो उसके लिए भी जुर्माने का नियम है।
एलन मस्क और ब्राजील कोर्ट के बीच लंबे वक्त से चल रही तनातनी के बीच एक्स को बड़ा झटका लगा है। ब्राजील के सुप्रीम फेडरल कोर्ट ने एक्स के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। अगर कोई वीपीएन लगाकर एक्स का इस्तेमाल करता है, तो उसके लिए भी जुर्माने का नियम है। ब्राजील सुप्रीम फेडरल कोर्ट के जज जस्टिस एलेक्जेंडर डि मोरियस का आदेश तुरंत देशभर में लागू हो चुका है।
अब हर किसी के जेहन में सवाल है कि ऐसा क्या हुआ। जिसके आगे न मस्क झुके और न ही कोर्ट। क्या वाकई मस्क का प्लेटफॉर्म देश की सोशल पॉलिसियों का उल्लंघन कर रहा था या फिर बात कुछ और है। आइए समझते हैं कि मस्क के एक्स को ब्राजील में किन वजहों से बैन किया गया है।
कोर्ट के आगे नहीं झुके मस्क
ब्राजील कोर्ट एक्स से लंबे वक्त से खफा है, लेकिन बीते कुछ दिनों में ये चीजें तेजी से बदली हैं। वजह है एक्स की पॉलिसी। कोर्ट ने कहा कि एक्स देश में लोकतंत्र को कमजोर करने और तख्तापलट जैसी चीजों का बढ़ावा दे रहा है। ऐसा पहली दफा नहीं है जब एक्स पर ऐसे आरोप लगे हों। पहले भी ब्राजील में एक्स को इन चीजों को लेकर आलोचनाएं झेलनी पड़ी हैं।
एक्स को बैन करने के साथ ही कोर्ट ने प्लेटफॉर्म पर 18 मिलियन रियाल (तकरीबन 40 करोड़) का जुर्माना भी ठोका है। कहा गया कि एक्स को पहले भी कई बार चेताया गया, लेकिन एक्स ने सारी चीजों को जानबूझकर नजरअंदाज किया। नतीजतन, इसे बैन करने का फैसला लिया गया है।
एपल और गूगल को क्या आदेश
कोर्ट ने एपल और गूगल को भी सख्त आदेश दिया है कि वह एपल ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर से एक्स को हटा दे। ऐसा करने के लिए इन्हें 5 दिन का वक्त दिया गया है। इस पर मस्क की प्रतिक्रिया भी आई। इन्होंने कहा ब्राजील में मौजूदा प्रशासन पर भरोसा करना पागलपन है। जब नया नेतृत्व आएगा, तो उम्मीद है कि इसमें बदलाव आएगा। मस्क का इशारा सीधा ब्राजील कोर्ट की तरफ रहा।