How to Control Overactive Brain: क्या आप भी अपने दिमाग के ज्यादा एक्टिव रहने के कारण सो नहीं पाते? कई ऐसे लोग हैं जिनके पास आरामदायक बिस्तर तो है, लेकिन नींद नहीं है। कारण है जरूरत से ज्यादा सोचना। जब आपका ब्रेन एक्टिव रहता है, तो आपके दिमाग के कई विचार आते रहते हैं और इस वजह से आप सो नहीं पाते। नींद पूरी न होने के कारण, अगले दिन थकान, लो एनर्जी, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी, सिर दर्द आदि समस्याएं होने लगती हैं। जिन लोगों का ब्रेन ज्यादा एक्टिव रहता है, वे अक्सर तनाव में रहते हैं और धीरे-धीरे डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। ओवर एक्टिव ब्रेन को शांत करने के लिए हम आपको कुछ आसान उपाय बताने जा रहे हैं। इन उपायों की मदद से दिमाग शांत रहेगा और आप नींद पूरी कर पाएंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।
ओवर एक्टिव ब्रेन को कंट्रोल करने के उपाय- How to Control Overactive Brain
अच्छी नींद के लिए ओवर एक्टिव ब्रेन को कंट्रोल करना जरूरी है। जब दिमाग ज्यादा सक्रिय रहता है, तो सोने में मुश्किल होती है। ओवर एक्टिव ब्रेन को शांत करने और अच्छी नींद पाने के लिए कुछ आसान उपायों की मदद ली जा सकती है-
1. ध्यान और मेडिटेशन करें- Try Meditation For Overactive Brain
ध्यान और मेडिटेशन मन को शांत रखने का सबसे आसान तरीका है। मेडिटेशन की मदद से दिमाग शांत रहता है और विचारों पर कंट्रोल रहता है। ध्यान के लिए आरामदायक जगह पर बैठ जाएं और अपनी आंखों को बंद कर लें। इसके बाद धीरे-धीरे गहरी सांस लें। ध्यान के दौरान, अपने विचारों को बिना किसी प्रतिक्रिया के आने और जाने दें। अगर विचार भटकने लगें, तो ध्यान को अपनी सांसों पर फोकस करें। रोजाना 10-15 मिनट का ध्यान आपके दिमाग को आराम देने में मदद करेगा और सोने से पहले मन की शांति महसूस होगी।
2. एक निश्चित सोने का रूटीन अपनाएं- Make Sleep Routine
सोने का एक निश्चित रूटीन अपनाने से दिमाग को संकेत मिलता है कि सोने का समय आ गया है। जब आप हर दिन एक ही समय पर सोते और जागते हैं, तो आपके शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक स्थिर हो जाती है। यह नियमितता दिमाग को आराम के लिए तैयार करती है और नींद की गुणवत्ता में सुधार करती है। सोने से पहले का समय केवल आरामदायक चीजों के लिए निर्धारित करें, जैसे कि हल्की किताब पढ़ना या हल्का संगीत सुनना। यह दिमाग को यह समझने में मदद करता है कि अब आराम का समय है।
3. डिजिटल डिटॉक्स अपनाएं- Try Digital Detox
सोने से पहले फोन, कंप्यूटर और टीवी जैसी डिजिटल डिवाइस का इस्तेमाल सीमित करें। इन मशीनों से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन नामक हार्मोन के प्रोडक्शन को प्रभावित कर सकती है, जो नींद को प्रेरित करता है। इसके अलावा, सोशल मीडिया या ईमेल जैसी गतिविधियां दिमाग को ज्यादा एक्टिव कर सकती हैं, जिससे सोने में मुश्किल हो सकती है। सोने से कम से कम एक घंटे पहले डिजिटल डिवाइस को बंद कर दें और इसके बजाय कुछ रिलैक्सिंग एक्टिविटीज में शामिल हों, जैसे कि स्नान करना या मेडिटेशन करना।
4. रिलैक्सेशन तकनीक अपनाएं- Try Relaxation Technique
रिलैक्सेशन तकनीक, जैसे डीप ब्रीदिंग, प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन दिमाग को शांत करने और शरीर को आराम देने में मदद कर सकती हैं। डीप ब्रीदिंग तकनीक में धीरे-धीरे गहरी सांस लेना और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ना शामिल है। इससे हृदय गति सामान्य होती है और दिमाग में शांति का अनुभव होता है। प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन तकनीक में शरीर के विभिन्न हिस्सों को तनाव देना और फिर उन्हें छोड़ना शामिल है, जिससे मांसपेशियों में आराम मिलता है और तनाव कम होता है।
5. लिखकर तनाव दूर करें- Write to Feel Stress Free
दिमाग में बहुत सारी चिंताएं और विचार हो सकते हैं, जो सोने में रुकावट पैदा करते हैं। ऐसे में, सोने से पहले एक नोटबुक में अपने विचारों और चिंताओं को लिखना एक अच्छा तरीका हो सकता है। इससे दिमाग को खाली करने में मदद मिलती है और आप मानसिक रूप से हल्का महसूस करते हैं। यह तकनीक खासकर तब फायदेमंद होती है जब आप भविष्य की चिंताओं के बारे में सोच रहे हों। डॉ नेहा आनंद ने बताया कि अपनी सभी चिंताओं और अगले दिन के कार्यों को लिख लें, ताकि आपका दिमाग उन्हें संभालने के लिए जागते रहने की जरूरत न महसूस करे।
इन उपायों को नियमित रूप से अपनाने से ओवर एक्टिव ब्रेन को कंट्रोल किया जा सकता है, जिससे आप बेहतर नींद लेकर सो सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।