बूंदी। विधायक हरिमोहन शर्मा ने जयपुर में वन राज्यमंत्री संजय शर्मा को पत्र लिखकर लक्ष्मीपुरा डोरा-डाबी, सिलोर-नमाना सड़क और गरड़दा बांध की नहरों के निर्माण कार्यों के लिए वाइल्डलाइफ और वन विभाग से अनापत्ति दिलवाने का आग्रह किया है।

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ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा

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विधायक हरिमोहन शर्मा ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि बरूधन चौराहे से लक्ष्मीपुरा डोरा-डाबी, राणा जी का गुड़ा तक 234 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 50 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य एक साल पहले शुरू हुआ था। लेकिन, इस सड़क के 15 किलोमीटर हिस्से के वाइल्डलाइफ और वन विभाग के अंतर्गत आने के कारण, कार्य में रुकावट आ रही है।

इसी प्रकार, सिलोर-नमाना-गरड़दा-भोपतपुरा तक के 184 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली सड़क के कुछ हिस्से भी वन विभाग के अंतर्गत आने के कारण निर्माण कार्य में देरी हो रही है। वन विभाग की अनापत्ति नहीं मिलने के कारण कार्य विधिवत रूप से प्रारंभ नहीं हो पा रहा है।

गरड़दा बांध का पुनर्निर्माण और सिंचाई की समस्या:
पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 10 साल पहले क्षतिग्रस्त हुए गरड़दा बांध के पुनर्निर्माण के लिए 450 करोड़ रुपये की लागत से 62 फीट की भराव क्षमता वाले इस बांध का पुनर्निर्माण करवाया गया था, जिससे 50,000 बीघा जमीन को सिंचाई का पानी उपलब्ध होता है। लेकिन, बांध की नहरों का कुछ हिस्सा वाइल्डलाइफ और वन विभाग के अंतर्गत आने के कारण इन नहरों का पुनर्निर्माण नहीं हो पा रहा है। इसके चलते बांध में भरा पानी किसानों तक नहीं पहुंच पा रहा और व्यर्थ बहाया जा रहा है।

विभागीय प्रक्रिया के तहत, इन सभी परियोजनाओं के प्रस्ताव वन विभाग में विचाराधीन हैं, लेकिन राजस्थान में वाइल्डलाइफ बोर्ड का गठन अभी तक नहीं हुआ है, जो इन समस्याओं के समाधान में सहायक हो सकता है।