भारत का एक और पड़ोसी देश अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। इस देश में इस्तेमाल करने योग्य विदेशी मु्द्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका है। ऐसा संकट इस देश के इतिहास में पहली बार आया है। बड़ी बात यह है कि इस संकट का कारण दुनिया के कई देशों को कंगाल बनाने वाला चीन है। इस देश ने चीन से इतना सारा कर्ज लिया है, जिसे चुकाने में उसे अब मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस देश का नाम मालदीव है। मालदीव को इस हालात तक पहुंचाने वाले वहां के चीन परस्त राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू हैं। मुइज्जू की नीतियों के कारण मालदीव अब कंगाली की दहलीज पर खड़ा हैमालदीव का वित्तीय संकट कितना गंभीर

अधाधु की रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण (एमएमए) ने वित्त मंत्रालय को चेतावनी भरा पत्र भेजा है। इसमें लिखा गया है कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो देश में इस्तेमाल करने योग्य डॉलर के भंडार अगस्त से पहले खत्म हो सकते हैं। 21 अगस्त कर मालदीव का विदेशी मुद्रा भंडार ऋणात्मक हो गया था। स्थिति की गंभीरता का खुलासा तब हुआ, जब मालदीव की सरकार को 25 मिलियन डॉलर के एक तेल बिल का भुगतान करने लगी। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस भुगतान को एक दिन में ही पूरा करना था, जिसमें देरी नहीं की जा सकती थी। इस भुगतान ने मालदीव के विदेशी मुद्रा भंडार को ऋणात्मक स्थिति में पहुंचा दिया