अच्छे मानसून के चलते जिले का सबसे बड़ा पांचना बांध से पानी निकासी का 19 वर्ष का रेकॉर्ड भी टूट गया। विशेष बात यह है कि मानसून की मेहरबानी से न केवल पांचना बांध में हिलोरे उठी हैं, बल्कि भरतपुर का केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान (घना) भी मुस्कुरा उठा। वर्ष 2006 से अब तक आंकड़ों पर नजर डालें तो इस वर्ष सात बार बांध से पानी की निकासी करनी पड़ी है। जल संसाधन विभाग करौली के अधिशासी अभियंता सुशील कुमार गुप्ता ने बताया कि इस बार पांचना बांध से अब तक 5272 एमसीएफटी पानी की निकासी गंभीर नदी में की जा चुकी है। विशेष बात यह है कि पांचना बांध की कुल भराव क्षमता 2100 एमसीएफटी पानी की है। यानि बांध की जितनी कुल भराव क्षमता है उससे ढाई गुना से अधिक पानी की निकासी इस बार अब तक करनी पड़ी है। साथ ही अभी भी बांध का एक गेट खोलकर पानी की निकासी जारी है। वहीं करौली क्षेत्र में जारी तेज बारिश से कैचमेंट एरिया में आ रहे पानी से एक बार फिर पार्वती बांध से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया है, जिससे एक बार फिर उटंगन नदी उफान पर चल रही है। इससे राजाखेड़ा क्षेत्र में भी नदी का जलस्तर खासा बढ़ गया है और मार्ग में आने वाली कई रपटों पर पानी दो फीट से भी ऊंचा तेज गति से बह रहा है। नादोली ओर डोंगरपुर गांव की रपट पर हफ्तेभर बाद ढाई फीट पानी की चादर चल रही है। कुछ ही दिन पूर्व इसी नदी के बहाव छेत्र में भगतो की थार के युवक बह गया था, जो 20 घंटों की तलाश के बाद सात किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश की सीमा में जाकर मिला।