दुनियाभर में इस समय Mpox चिंता का विषय बना हुआ है। अफ्रीकी देशों में आतंक मचाने के बाद यह वायरस स्वीडन और फिर पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी घुसपैठ कर चुका है। यहां पर इस जानलेवा वायरस के अब तक तीन मामले सामने आ चुके हैं। इतना ही नहीं इससे पहले इस बीमारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए खुद वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने इसे ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया है। ऐसे में अब भारत में भी इसे लेकर चिंताएं बढ़ गई है।

इस वायरस के पाकिस्तान पहुंचने के बाद अब आशंका है कि यह भारत में भी अपने पैर पसार सकता है। ऐसे में इसे लेकर सावधानी बरतनी जरूरी है और साथ ही सही जानकारी भी होना बेहद जरूरी है।

गूगल ट्रेंड्स पर Mpox का सर्च बढ़ा

किसी भी चीज के बारे में ज्यादा जानकारी चाहिए हो, तो हम सभी सबसे पहले गूगल सर्च की मदद लेते हैं। जरूरत के हिसाब से सवालों के जवाब ढूंढने की कोशिश करते हैं। गूगल ट्रेंड्स दिन, घंटे और जगह के हिसाब से टॉप सर्च के बारे में बताता है। आसान भाषा में कहें, तो जब कोई विषय गूगल पर ज्यादा सर्च किया जाता है, तो वह ट्रेंड करने लगता है। हाल के कुछ दिनों में Mpox यानी मंकीपॉक्स के बारे में सर्च बढ़ा है। जैसा कि आप ग्राफ में देख सकते हैं कि किस तरह एमपॉक्स के सर्च में उछाल आया है।

देश के अलग-अलग हिस्सों का यह है हाल

कोरोना वायरस महामारी के बाद से लोग काफी डर गए हैं। यही वजह है कि एमपॉक्स जिस तरह एक देश से दूसरे में फैला है, इससे लोगों की चिंता बढ़ी है। इसका अंदाजा आप अलग-अलग राज्यों से जुड़ी इस जानकारी को देखकर लगा सकते हैं।

Mpox का भारत में कितना खतरा?

ऐसे में इस खतरनाक बीमारी के बारे में विस्तार से जानने और भारत में इसके खतरे के बारे में जानने के लिए हमने मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम में क्रिटिकल केयर मेडिसिन के सीनियर रजिस्ट्रार मुजामिल सुल्तान से बातचीत की।

एमपॉक्स क्या है?

डॉक्टर बताते हैं कि एमपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था। यह मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के ट्रॉपिकल रेन फॉरेस्ट हिस्सों में पाई जाती है, लेकिन हाल ही में एशिया और यूरोप सहित दुनिया के कई हिस्सों में इसका प्रकोप सामने आया है। हालांकि, एमपॉक्स आमतौर पर चेचक की तुलना में कम गंभीर होता है, लेकिन इसका कारण बनने वाला वायरस इससे संबंधित होता है।

भारत के लिए यह चिंता का विषय क्यों है?

अफ्रीका और स्वीडन में हुई घटनाओं के बाद, एमपॉक्स अब पाकिस्तान तक फैल गया है, जिससे भारत जैसे आस-पास के देशों के लिए गंभीर चिंताएं बढ़ गई हैं। पाकिस्तान से निकटता और वहां होने वाले सीमा पार आवा-जाही की वजह से इस वायरस के देश में प्रवेश करने की संभावना काफी ज्यादा है। हालांकि, यह जानना भी जरूरी है कि भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पहले भी इस वायरल प्रकोप से निपट चुकी है। खासकर अगर यह डेंगू या मौसमी फ्लू जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ ही होती है।

इसलिए भी है भारत को खतरा

इसके अलावा, भारत एक घनी आबादी वाला देश है। ऐसे में अगर यहां एमपॉक्स आता है, तो वायरस को वहां तेजी से फैलने में मदद मिल सकती है। इसलिए भारत को स्थिति पर सावधानीपूर्वक नजर रखनी चाहिए, क्योंकि आम जनता के पास एमपॉक्स से सुरक्षा का अभाव है, और अतिसंवेदनशील आबादी (जैसे कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले) के लिए गंभीर कठिनाइया हो सकती हैं।

एमपॉक्स से खुद को कैसे बचाएं

एमपॉक्स से खुद को बचाने के लिए, कुछ प्रमुख उपायों को फॉलो करना जरूरी है। आइए जानते हैं इससे बचने का खतरा कुछ तरीके, जो निम्न हैं-

क्लोज कॉटेक्ट से बचें

किसी भी ऐसे व्यक्ति से दूरी बनाए रखें, जो बीमार है या वह घाव या चकत्ते सहित एमपॉक्स के लक्षण प्रदर्शित कर रहा है। साथ ही इनके साथ अपने कपड़े, गद्दे या तौलिए जैसी निजी चीजें शेयर न करें

साफ-सफाई बनाए रखें

किसी भी तरह के वायरस से बचने के लिए साफ-सफाई बेहद जरूरी होती है। ऐसे में एमपॉक्स से बचने के लिए दूषित सतहों के संपर्क में आने के बाद, अपने हाथों को अक्सर साबुन और पानी से धोएं या अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।

प्रोटेक्टिव गियर पहनें

वायरस को फैलने से रोकने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट और बीमार परिवार के सदस्यों की देखभाल करने वाले किसी भी व्यक्ति को मास्क और दस्ताने जैसे प्रोटेक्टिव गियर पहनना चाहिए

यात्रा करते समय सावधानी बरतें

अगर आप किसी ऐसी जगह पर जा रहे हैं या वहां से होकर गुजर रहे हैं, जहां एमपॉक्स वायरस की सूचना मिली है, तो भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर रहकर वायरस को फैलने से रोकने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतें।

अपडेट रहें

किसी भी नई खोज या दिशानिर्देशों के बारे में अपडेट रहने के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) और भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय आदि पर नई जानकारियों से अपडेट रहें।