बून्दी। रक्षा बंधन के पावन पर्व पर अनादिकाल से चली आ रही उपाकर्म परंपरा का निर्वाह करने हेतु राष्ट्रीय संत ज्योति शंकर शर्मा पुराणाचार्य के पावन सानिध्य में नृसिह आश्रम बाबा लाल लंगोट वालो के प्रांगण में सर्व ब्राह्मण समाज ने श्रावणी कर्म किया ।

 पुराणाचार्य ने सर्व प्रथम हेमाद्रि संकल्प करवाया , तत्पश्चा दस विधि स्नान कराकर पूर्वभिमुख देव तर्पण , उत्तराभिमुख ऋषि तर्पण , दक्षिणाभिमुख पितृ तर्पण करवाया । 

            उसके बाद बाबा बजरंग दास जी के सत्संग भवन में वेद मंत्रों के साथ शांति पाठ करके गणेश पूजन सप्त ऋषि पूजन अरुंधति पूजन विष्णु पूजन आदि कर्म करने के पश्यात यज्ञोपवीतो में नवोदय का आह्वाहन त्रिदेवों का आह्वाहन तत्पश्चात गायत्री मंत्र से अभिमंत्रित करके नवीन यज्ञोपवीत धारण की ।

तत्पश्चात तथा व्यास ऋतुराज शर्मा ने उपाकर्म की महिमा को बताया हुए कहा कि श्रावण नक्षत्र पर हेमाद्रि संकल्प व दस विधि स्नान करने से वर्ष भर के किये हुए पाप समाप्त हो जाते है ।

इस अवसर पर भरत शर्मा ने बताया कि इस पुण्य कर्म में अशोक शर्मा तलवास , शम्भू लाल शर्मा कश्यप , मोहित शर्मा , कन्हैया लाल शर्मा , लोकेश शर्मा , पंडित गिरिराज श्रृंगी , दर्शन शास्त्री पंडित जितेंद्र गौतम , मुकेश कलवाडीया , शम्भू दयाल शर्मा , बुद्धि प्रकाश श्रृंगी , मनमोहन शर्मा , आदित्य गौतम , छितर लाल शर्मा , रामचरण श्रृंगी आदि विप्र जनों ने भाग लिया एवम विश्व व बूंदी के उत्थान की कामना की ।