UPI ID को आम तौर पर मोबाइल नंबर और UPI प्रदाता का एक्सटेंशन होता है। इसका फायदा घोटालेबाज उठाते हैं। मोबाइल नंबर और विवरण आसान लक्ष्य होते हैं क्योंकि फोन नंबर अक्सर ई-शॉपिंग, रेस्तरां, मॉल, पार्किंग स्थल आदि जगहों पर साझा किए जाते हैं।

देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ाने में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) की अहम भूमिका है। यूपीआई ने लेनदेन को इतना सरल बना दिया है कि आज के समय में रेहड़ी-पटरी वाले से लेकर रिक्सा चालक UPI के जरिये पेमेंट कर रहे हैं। UPI की सफलता ने दुनिया को भी आश्चर्यचकित कर दिया है। इसके चलते अब आप कई देशों में यूपीआई से पेमेंट कर सकते हैं। भारत में यूपीआई से करोड़ों लोग रोजना लेनदेन कर रहे हैं। रोज यह संख्या बढ़ती जा रही है। हालांकि, इसने खतरा भी बढ़ाया है। फ्रॉड करने वाले अब यूपीआई यूजर्स को निशाना बनाकर फ्रॉड कर रहे हैं। इन दिनों फ्रॉड का नया तरीका Autopay आ गया है। आइए जानते हैं कि यह कैसे काम करता है और आप इससे कैसे बच सकते हैं। UPI फ्रॉड करना काफी आसान 

UPI ID को आम तौर पर मोबाइल नंबर और UPI प्रदाता का एक्सटेंशन होता है। इसका फायदा घोटालेबाज उठाते हैं। मोबाइल नंबर और विवरण आसान लक्ष्य होते हैं क्योंकि फोन नंबर अक्सर ई-शॉपिंग, रेस्तरां, मॉल, पार्किंग स्थल आदि जगहों पर साझा किए जाते हैं। इसके चलते फ्रॉड के लिए UPI ID को क्रैक कर फर्जीवाड़ा करना आसान होता है। 

फ्रॉड का शिकार न बनें, इसके लिए क्या करें? 

अपने बैंक खातों को UPI ID से सीधे जोड़ने से बचें। वॉलेट का उपयोग करना ज्यादा सही। इससे बड़े धोखाधड़ी से बचने में मदद मिलेगी। फ्रॉड करने वाले अक्सर भावनात्मक हथकंडे अपनाते हैं, जैसे कि संकट में फंसे परिवार के सदस्य होने का दिखावा करना। इन हथकंडों से सावधान रहें और ऐसे अनुरोधों को रिजेक्ट करें।