जिले में औसत से ज्यादा बरसात के साथ ही निवाई उपखण्ड में इस मानसून सत्र में हुई अब तक बरसात के बाद क्षेत्र के सभी नदी नाले उफान पर हैं,देवधाम जोधपुरिया धाम के पास मासी नदी पर मासी बांध के बनने के बाद 64 साल बाद यह नजारा देखने को मिल रहा है, जब बांध के एक साथ 5 गेट खोलने के बाद भी बांध पर 7 फीट पानी की चादर चल रही है,जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता कानाराम गुर्जर ने बताया कि मासी डेम में लगातार पानी की आवक जारी है। डेम की भराव क्षमता 10 गेज है। बांध में मासी नदी, बान्डी नदी एवं खेराक्षी नदी का पानी आता है। जिसके चलते मासी डेम की भराव क्षमता पूर्ण होने के साथ ही चादर चलने लगी है। इस दौरान मासी डेम पर चादर चलने से किसानों में दुगनी खुशी की लहर दौड गई। बांध के भरने पर किसानों को रबी की फसल में सिंचाई के लिए नहर से पानी मिलता है. मासी बांध से पीपलू क्षेत्र में गहलोद तक 40 किलोमीटर लम्बी मुख्य नहर व दर्जनों वितरिकाएं बनी हुई हैं, जिससे क्षेत्र में 6985 हेक्टेयर जमीन पर रबी की फसल में सिंचाई की जाती है, जिससे क्षेत्र का किसान समृद्ध व खुशहाल होता है।