जयपुर की भारी बारिश में बुरे फंसे ये सांसद, लबालब भरी सड़कों पर चलना पड़ा 2 किमी पैदल चलना पडा .जयपुर राजधानी में गुरुवार शाम बादल ऐसे बरसे मानो जल प्रलय आ गया हो। हर तरफ पानी ही पानी था और नगर निगम, प्रशासन, यातायात पुलिस और आपदा प्रबंधन महकमे की नाकामी लोगों के लिए आफत का कारण बन गई। बारिश के बाद शहर के सभी प्रमुख रास्तों और गलियों में कई फीट पानी जमा हो गया। कई किलोमीटर लंबे जाम लग गए। लोग जहां थे, वहीं कई घंटों तक फंसे रहे। शाम 5 से रात 9 बजे तक चार घंटे में 150 मिलीमीटर (6 इंच) बारिश के दौरान शहर में अफरातफरी का माहौल बन गया। इस दौरान यातायात को सुधारने, जल निकासी और हालात सुधारने के लिए चंद जगहों के अलावा कहीं पर भी आला अधिकारी और आपदा प्रबंधन के स्वयंसेवक भी नजर नहीं आए। ऐसे में राजस्थान के बांसवाड़ा से सांसद राजकुमार रोत भी भारी बारिश के चलते जाम में फंस गए। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि वे 2 किलोमीटर पैदल चलकर रेलवे स्टेशन पहुंचे। सवाड़ा से सांसद राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि राजस्थान की राजधानी के सबसे VIP इलाके का यह हाल! बाईस गोदाम से सिविल लाइन फ़ाटक होते हुए रेलवे स्टेशन तक वाली सड़क पर पानी भरने से घंटों तक वाहन फंसे रहे। लोगों में खौफ का माहौल बना रहा। सड़क पर जगह-जगह गड्ढों के बीच जान जोखिम में डालकर पैदल चलकर अपनी राह तय कर रहे थे। इस दौरान कई लोग गड्ढों में गिरते-उठते रहे। इन सड़कों पर प्रशासन का कोई नुमाइंदा नहीं दिखा। लोग एक-दूसरे की मदद करते रहे। मैं स्वयं 2 किलोमीटर पैदल चलकर रेलवे स्टेशन पहुंचा। इस दौरान देखा कि शहर की जनता का सड़कों पर कोई रखवाला नहीं है! न ही लोगों को राहत देने के लिए सरकार के पास कोई योजना है। हादसे होने के बाद सरकार जागती है और फिर गहरी नींद में सो जाती है।’‘दुनिया का सबसे व्यवस्थित कहलाने वाले जयपुर शहर को हमने अपने स्वार्थ के लिए ऐसा बना दिया कि थोड़ी सी बरसात होते ही सड़कें नदियों में तब्दील हो जाती है। राज्य सरकार से मेरा आग्रह है कि शहरों का विकास पूरी प्लानिंग के साथ करें। पानी निकासी की समुचित व्यवस्था हो और नालों की समय पर सफाई हो।

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