राजस्थान के डीडवाना जिला मुख्यालय पर स्थित राजकीय खेल स्टेडियम में गुरुवार को 78वां स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया जा रहा था. इस कार्यक्रम में जिला कलेक्टर बालमुकुंद असावा ने बतौर मुख्य अतिथि ध्वजारोहण किया. वहीं विधायक यूनुस खान इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत करने पहुंचे थे. लेकिन इसी दौरान अचानक कुछ ऐसा हुआ कि विधायक यूनुस खान नाराज हो गए और उन्होंने मंच छोड़ दिया और दर्शकों के साथ जाकर बैठ गए. बताया जा रहा है कि जिला स्तरीय कार्यक्रम में विधायक के लिए मंच पर स्थान आरक्षित था. जब यूनुस खान मंच पर पहुंचे तो उन्हें कोई तवज्जो नहीं दी गई. हालांकि वे अपनी आरक्षित सीट पर जाकर बैठ गए. तभी वहां भाजपा नेता और यूनुस खान के सामने चुनाव लड़ने वाले जितेंद्र सिंह जोधा कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे, तो प्रशासन में जोधा के साथ ही अन्य भाजपा नेताओं को भी मंच पर बैठा लिया. इस पर यूनुस खान नाराज हो गए और मंच से उतरकर दर्शक दीर्घा में लगी कुर्सियों में जनता के बीच जाकर बैठ गए. यूनुस खान ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि जब वे मंच पर पहुंचे तो प्रशासन ने उन्हें कोई तवज्जो नहीं दी. लेकिन भाजपा नेताओं को सीट आरक्षित नहीं होने के बावजूद मंच पर तवज्जो दी गई, जो न्यायोचित नहीं है. यह जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि का अपमान है. हालांकि इस घटना से प्रशासन भी सकते में आ गया और तुरंत डीडवाना तहसीलदार रामस्वरूप मीणा विधायक यूनुस खान के पास पहुंचे और खान को मंच पर चलने का आग्रह किया. मगर यूनुस खान नहीं माने. तब खुद जिला कलेक्टर बाल मुकुंद असावा और उपखंड अधिकारी विकास मोहन भाटी भी यूनुस खान के पास पहुंचे और उनसे मंच पर बैठने का निवेदन किया, लेकिन यूनुस खान ने जिला कलेक्टर को भी यह कहते हुए मना कर दिया कि वे जनता के प्रतिनिधि हैं और जनता के बीच ही बैठेंगे. निर्दलीय विधायक ने आरोप लगाया कि स्वतंत्रता दिवस जैसे कार्यक्रम को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए, लेकिन प्रशासन ने इस कार्यक्रम को भी राजनीतिक रंग दे दिया. इस घटनाक्रम के कुछ देर बाद लाडनूं विधायक मुकेश भाकर भी कार्यक्रम में पहुंचे, जिन्हें भी जिला प्रशासन ने मंच पर बैठाया. इस दौरान मंच पर जिला कलेक्टर और जिला स्तरीय अधिकारियों के अलावा लाडनूं विधायक मुकेश भाकर और भाजपा नेता जितेंद्र सिंह जोधा बैठे रहे. दूसरी ओर विधायक यूनुस खान दर्शक दीर्घा में बैठे रहे.