जल जीवन मिशन में फर्जी प्रमाण पत्र से टेंडर हासिल करने के मामले को लेकर ईडी के बाद अब सीबीआई ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. सीबीआई अब पीएचईडी के तीन रीजन में हुए टेंडर और वर्क ऑर्डर का रिकॉर्ड खंगाल रही है. ठेकेदारों और पीएचईडी अधिकारियों के साथ ही कई दलाल भी सीबीआई के राडार पर हैं.जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने पीएचईडी के जयपुर रीजन-प्रथम, जयपुर रीजन-द्वितीय और अजमेर रीजन में हुए टेंडर और वर्क ऑर्डर का रिकॉर्ड दिल्ली तलब किया है. इसके साथ ही आधिकारिक रूप से ई-मेल पर हुए संवाद की कॉपी भी मांगी है. यह सभी रिकॉर्ड दिल्ली भिजवाए गए हैं. जहां अधिकारी गहनता से पड़ताल में जुटे हुए हैं. बताया जा रहा है कि सीबीआई ने जयपुर रीजन-प्रथम, जयपुर रीजन-द्वितीय और अजमेर रीजन में जनवरी से जुलाई 2023 के बीच हुए टेंडरों का रिकॉर्ड सीबीआई ने तलब किया है. शिकायतों के बाद विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने जांच करवाई तो जयपुर और अलवर रीजन में बिना पाइप लाइन बिछाए ही मैसर्स श्रीगणपति ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्रीश्याम ट्यूबवैल कंपनी को भुगतान करने की बात सामने आई है. इसके साथ ही बिना लैब टेस्ट के पाइप बिछाकर फर्जीवाड़ा करने की भी बात सामने आई थी.