पैरों में लगातार या रूक-रूककर होने वाले दर्द को लंबे समय तक इग्नोर करने की गलती आपको भारी मुसीबत में डाल सकती है। दर्द के साथ अगर पैरों में सूजन और झुनझुनाहट की समस्या भी बनी रहती है, तो ये इशारा करता है कि पैरों में ब्लड का सर्कुलेशन सही तरह से नहीं हो रहा और यह गंभीर बीमारी का संकेत है। शरीर में खून का प्रवाह बाधित होना मतलब कई सारी परेशानियां पैदा होना, क्योंकि ब्लड के साथ ऑक्सीजन का सर्कुलेशन भी बाधित होता है और ये गैंगरीन बीमारी की वजह बन सकता है।

डायबिटीज मरीज रहें सावधान

डायबिटीज के चलते जब शरीर में शुगर की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो इससे वेसेल्स में बहने वाले ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत होने लगती है। टिश्यूज को बराबर मात्रा में ब्लड नहीं मिल पाता, जिससे ये धीरे- धीरे डेड होने लगते हैं। डायबिटीज बहुत ही खतरनाक बीमारी है, जो शरीर के कई अंगों की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती है। 

डायबिटीज मरीजों के पैरों की ब्लड वेसेल्स में फैट और कैल्शियम जमा होने की प्रोसेस चलता रहता है, जिससे पैरों में ब्लड का सर्कुलेशन सही तरह से नहीं हो पाता। कभी-कभी तो पैरों की ब्लड वेसेल्स पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती हैं, जिससे दर्द शुरू हो जाता है। ब्लड फ्लो कम होने से शरीर के उस हिस्से में चोट या घाव लगने पर वह जल्दी ठीक नहीं होता।

गैंगरीन के लक्षण

  • स्किन पपड़ी की तरह उतरना 
  • पैरों में दर्द के साथ झुनझुनाहट बने रहना। 
  • त्वचा का रंग लाल या काला होना
  • ठंडक महसूस होना 

    चीजें जो बढ़ा सकती हैं गैंगरीन का खतरा

    • धूम्रपान
    • जलने का घाव
    • शराब की लत
    • एचआईवी/एड्स
    • सिर पर चोट

    गैंगरीन से बचाव

    • वजन को कंट्रोल में रखें।
    • धूम्रपान पूरी तरह से अवॉयड करें।
    • डायबिटीज है, तो उसे कंट्रोल में रखें, साथ ही नियमित तौर पर हाथ-पैरों की जांच करवाते रहें।

    गैंगरीन का इलाज

    गैंगरीन के कारण डेड हो चुके टिश्यूज को फिर से नॉर्मल या ठीक कर पाना पॉसिबल नहीं है, लेकिन हां हेल्दी टिश्यूज में गैंगरीन होने से रोकने में कुछ उपाय असरदार साबित हो सकते हैं। डॉक्टर गैंगरीन की गंभीरता के आधार पर ट्रीटमेंट सजेस्ट करते हैं। 

 

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।