नई दिल्ली। सेबी प्रमुख माधबी बुच के अदाणी समूह के साथ हितों के टकराव संबंधी हिंडनबर्ग के ताजा दावों ने सियासत को एक बार फिर से गरम कर दिया है। विपक्षी दलों ने बुच पर लगाए गए आरोपों को बेहद गंभीर करार देते हुए उन्हें तत्काल सेबी प्रमुख पद से हटाने और केंद्र सरकार से कार्रवाई की मांग की है।

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कांग्रेस ने इसे महाघोटाला करार देते हुए आरोप लगाया कि अदाणी समूह से अपनी अंदरूनी मिलीभगत छिपाने के लिए माधबी बुच ने सेबी को घोटाले के पूरे दायरे की जांच नहीं करने दी।

'जेपीसी ही एकमात्र विकल्प'

तृणमूल कांग्रेस, माकपा, शिवसेना यूबीटी सरीखे आइएनडीआइए के सभी प्रमुख दलों ने हिंडनबर्ग के नए दावों के मद्देनजर अदाणी प्रकरण की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग फिर से दोहराई है। कांग्रेस ने रविवार को कहा कि देश के शीर्षस्थ वित्तीय नियामक के अधिकारियों की अदाणी समूह की मिलीभगत से हुए 'घोटाले' की जांच के लिए जेपीसी ही एकमात्र विकल्प रह गया है।

खरगे ने एक्स पर किया पोस्ट

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर पोस्ट किया, सेबी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मोदीजी के परम मित्र अदाणी को हिंडनबर्ग के जनवरी 2023 के रहस्योद्घाटन पर क्लीन चिट दी थी। आज उसी सेबी की मुखिया के तथाकथित वित्तीय रिश्ते उजागर हुए हैं। मध्यम वर्ग से संबंधित छोटे और मध्यम निवेशकों के हितों को संरक्षित करने की आवश्यकता है, क्योंकि वे सेबी में विश्वास करते हैं।

कांग्रेस डिजिटल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कांफ्रेंस कर सेबी पर सुप्रीम कोर्ट को अंधेरे में रखने का आरोप लगाते हुए शीर्ष अदालत से इसका स्वत: संज्ञान लेकर अदाणी प्रकरण की जांच कराने की अपील की।

जयराम रमेश ने भी उठाए सवाल

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सेबी का इंटरनेट मीडिया अकाउंट लॉक कर दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब इसके शीर्ष नेतृत्व के हितों के टकराव के सुबूत सामने आए हैं, तब ऐसा कर कहीं सुबूतों को हटाया तो नहीं जा रहा है। तूणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा तथा शिवसेना यूबीटी प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी जेपीसी जांच की मांग का समर्थन किया, तो माकपा पोलित ब्यूरो ने बयान जारी कर जेपीसी की आवाज बुलंद की।