अमरीकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडेनबर्ग रिसर्च भारत में एक और बड़ा धमाका करने की तैयारी में है। कंपनी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत में जल्दी ही कुछ बड़ा होने वाला है। हिंडेनबर्ग ने पिछले साल 24 जनवरी को अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज की शेयर बिक्री से ठीक पहले एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अडानी समूह पर शेयरों की कीमत में हेरफेर समेत कई तरह के आरोप लगाए गए थे। हिंडेनबर्ग ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन आरोपों पर सेबी चेयरपर्सन ने पहली प्रतिक्रिया दी है। माधबी पुरी ने हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और इसे चरित्रहनन की कोशिश बताया। इस रिपोर्ट के कारण ग्रुप के मार्केट कैप में $150 अरब तक गिर गया था। इससे गौतम अडानी की नेटवर्थ में भी भारी गिरावट आई थी। हालांकि हाल के महीनों में अडानी ग्रुप के शेयरों ने काफी हद तक अपने नुकसान की भरपाई कर ली है। अडानी समूह पर रिपोर्ट के बाद भारतीय शेयर बाजार रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने हिंडेनबर्ग को 46 पेज का कारण बताओ नोटिस भेजा था। इसके जवाब में हिंडेनबर्ग ने सेबी पर ही आरोप लगाते हुए कहा था कि वह निवेशकों के बजाय धोखाधड़ी करने वालों को बचा रहा रहा है। सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने रविवार की सुबह जारी एक संयुक्त बयान में कहा, ‘हिंडनबर्ग 10 अगस्त को आई रिपोर्ट में हमारे खिलाफ लगाए गए आरोपों के संदर्भ में बताना चाहते हैं कि रिपोर्ट में लगाए गए आधारहीन आरोपों को हम हर सिरे से खारिज करते हैं। इसमें जरा सी भी सच्चाई नहीं है। हमारा जीवन और फाइनेंस खुली किताब की तरह है। हमें अपने किसी भी फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट को पब्लिक करने से कोई ऐतराज नहीं है।