कांग्रेस ने एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण और क्रीमी लेयर संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विरोध जताते हुए कहा है कि केंद्र सरकार को यह निर्णय संसद के माध्यम से तत्काल निरस्त करना चाहिए था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को कहा कि क्रीमीलेयर के फैसले को मान्यता नहीं देनी चाहिए। जब तक छूआछूत है तब तक आरक्षण रहना चाहिए। खरगे ने कहा कि देश में बाबासाहेब के पूना पैक्ट के कारण दलित समुदाय के लोगों को आरक्षण मिला। अब एससी-एसटी के लोगों को क्रीमी लेयर का कहकर आरक्षण से बाहर निकालना उन पर बड़ा प्रहार है। आरक्षण के बावजूद हाईकोर्ट में दलित समाज के लोग नहीं हैं, सुप्रीम कोर्ट में नाम मात्र के लोग हैं और अफसरों के बड़े पदों पर भी कोई नहीं है।भाजपा का इरादा आरक्षण खत्म करने का खरगे ने आरोप लगाया कि भाजपा आरक्षण खत्म करना चाहती है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपकर सरकारी नौकरी और आरक्षण खत्म किया जा रहा है। सरकारी भर्तियां नहीं की जा रही हैं। प्रधानमंत्री कोर्ट के निर्णय पर कहते हैं कि हम इसे हाथ नहीं लगाएंगे। उन्हें तुरंत ही कहना चाहिए था कि यह लागू नहीं होगा और संसद में कोर्ट के फैसले को नकार देना चाहिए था। लेकिन उनके पास वक्त नहीं है। खरगे ने कहा कि हर राज्य में एसी-एसटी की सूची अलग होती है। इसलिए वर्गीकरण से किसको कितना फायदा-नुकसान होता है, इस विषय में हम बारीकी से सोचकर कदम बढ़ाएंगे। इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने कई बुद्धिजीवियों से चर्चा की है। इस विषय पर परामर्श समिति बनाएंगे और सबको साथ लेकर आगे बढ़ेंगे।