भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर मालदीव पहुंच गए हैं। भारतीय विदेश मंत्री का यह मालदीव दौरा 3 दिवसीय होगा। साल की शुरुआत में भारत-मालदीव के विवाद के बाद यह पहला मौका है जब कोई भारतीय मंत्री मालदीव गया है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भी दोनों देशों के संबंधों में सुधार करने की बात कह चुके हैं। मुइज्जू तो पीएम नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण में भी पहुंचे थे। जयशंकर जब मालदीव की राजधानी माले पहुंचे, तब एयरपोर्ट पर मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने उनका स्वागत किया। जयशंकर ने मालदीव पहुंचने के बाद सोशल मीडिया पर कहा कि मालदीव नेबरहुड फर्स्ट’ (पड़ोसी पहले) और सागरके भारत के दृष्टिकोण में एक अहम स्थान रखता है जयशंकर और ज़मीर ने मिलकर मालदीव में हाई इम्पैक्ट कम्युनिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के शुभारंभ के साथ ही दोनों देशों के बीच कुछ अहम समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर भी किए। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने साथ मिलकर एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित भी किया। जयशंकर और ज़मीर के बीच कई अहम विषयों पर चर्चा हुई। इन विषयों में विकास साझेदारी, क्षमता निर्माण, द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार और डिजिटल सहयोग में दोनों देशों की भागीदारी शामिल थी। दोनों ने मिलकर स्ट्रीट लाइटिंग, मानसिक स्वास्थ्य, बच्चों की स्पीच थेरेपी और विशेष शिक्षा के क्षेत्रों में 6 हाई इम्पैक्ट कम्युनिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स का संयुक्त रूप से उद्घाटन भी किया। मालदीव में कुछ समय पहले भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणाली की शुरुआत हुई थी और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम और मालदीव के आर्थिक विकास और व्यापार मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन पर पर भी दोनों ने हस्ताक्षर किया। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने एक्स्ट्रा 1,000 सिविल सेवा अधिकारियों की ट्रेनिंग पर राष्ट्रीय सुशासन केंद्र और सिविल सेवा आयोग के बीच समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण भी किया।