राजस्थान में हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पांच विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां के विधायक सांसद बन गए हैं. इनमें दौसा, टोंक जिले की देवली-उनियारा, खींवसर, झुंझुनू और बांसवाड़ा की चौरासी विधानसभा सीट शामिल हैं. इन सीटों पर इसी साल के अंत में उपचुनाव होने हैं. लेकिन इनमें अब उदयपुर की सलूम्बर सीट भी जुड़ गई है. जहां गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के विधायक अमृतलाल मीणा का हार्ट अटैक से निधन हो गया था. ऐसे में अब राजस्थान में छः विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे. पांच सीटों जिनमें दौसा, टोंक जिले की देवली-उनियारा, खींवसर, झुंझुनू और बांसवाड़ा की चौरासी शामिल हैं, सभी पर कांग्रेस या इंडिया गठबंधन के विधायक ही सांसद बने हैं. ऐसे में कहा जा रहा था कि उपचुनाव में भाजपा के पास कुछ खोने को कुछ नहीं है. लेकिन सलूम्बर में अब भाजपा को अपनी सीट बचाने की चुनौती होगी. सलूम्बर विधानसभा सीट आदिवासी बहुल सीट है और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. अगर इस सीट पर अब तक हुए विधानसभा चुनावों की बात की जाये तो भाजपा का पलड़ा भारी रहा है. भारतीय जनता पार्टी की जीत की सफलता दर यहां 60 फीसदी है. वहीं पिछले पांच चुनावों की बात की जाए तो सिर्फ साल 2008 में ही कांग्रेस यहां जीत पाई है.जबकि चार बार यह सीट भाजपा के खाते में गई है. तीन बार से तो दिवंगत अमृतलाल मीणा ही यहां जीत का परचम लहरा रहे है. इसके अलावा इस सीट पर भाजपा को अमृतलाल मीणा के निधन के बाद संवेदना के वोट मिल सकते हैं.