नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से कोटा-बूंदी के दोनों टाइगर रिजर्व को जल्द बड़ी सौगात मिलेगी। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में जल्द 9 बाघ-बाघिन छोड़े जाएंगे। इसके अलावा मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में सुविधाओं को विकसित कर जल्द ही टाइगर सफारी को भी शुरू किया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा की उपस्थिति में गुरूवार को संसदीय क्षेत्र कोटा-बून्दी में वन विभाग और दोनों टाइगर रिजर्व से संबंधित विषयों को लेकर बैठक हुई। बैठक में स्पीकर बिरला ने दोनों टाइगर रिजर्व में बाघ-बाघिन व अन्य वन्य जीवों की संख्या बढ़ाने और कोटा में सफारी को शीघ्र शुरू करने को कहा। बैठक में मुकंदरा टाइगर रिर्जव में 2 बाघ व एक बाघिन व रामगढ़ विषधारी में 6 बाघ-बाघिन सहित अन्य वन्यजीव छोड़ेने का निर्णय हुआ।
कोटा-बून्दी के वन भूमि क्षेत्र में लम्बे समय से अधूरे पड़े विकास कार्यों को शीघ्र पूरा करने के लिए एनओसी प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्णय हुआ। वन भूमि अधिनियम के तहत इन क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाएगी ताकि आमजन को लाभ मिल सके। इस दौरान चम्बल नदी में रिवर क्रूज के संचालन में आ रही बाधा को दूर करने को लेकर चर्चा हुई। केंद्रीय वन मंत्री ने अधिकारियों को क्रूज संचालन से संबंधित कार्यवाही को पूरा करने के निर्देश दिए। चित्तोड़गढ़ सांसद सीपी जोशी भी बैठक में मौजूद रहे।
*अभेड़ा में नए एनक्लोजर बनेंगे*
अभेड़ा बायोलोजिकल पार्क में बजट के अभाव में लम्बे समय में रूका हुआ दूसरे फेज का काम भी जल्द ही शुरू होगा। कैम्पा निधि से यहां नए एनक्लोजर्स निर्माण व अन्य विकास कार्यों होंगे। वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्य के अधिकारियों को इसका प्रस्ताव भेजने को कहा है। पूर्व में सेंट्रल जू अथॉरिटी की ओर से यहां 35 एनक्लोजर्स की स्वीकृति मिली थी लेकिन वर्तमान में यहां 13 एनक्लोजर्स ही बन सके हैं। नए एनक्लोजर्स के निर्माण के बाद यहां घडिय़ाल, जलीय जीव व विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों को भी लाया जा सकेगा।
*बैठक में यह अधिकारी रहे मौजूद*
बैठक में लोक सभा अध्यक्ष के ओएसडी राजीव दत्ता, वन एवं पर्यावरण विभाग की अपर मुख्य सचिव अपर्णा अरोड़ा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल) अरिजीत बनर्जी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) पवन कुमार उपाध्याय, उपस्थित रहे।