बूंदी। बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने राजस्थान सरकार की विद्युत व्यवस्था एवं अघोषित बिजली कटौती पर सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। विधायक शर्मा ने राजस्थान विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही अघोषित बिजली कटौती एवं विद्युत बिल में वृद्धि के संबंध में अपनी बात रखी। शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार के ऊर्जा विभाग का विद्युत मैनेजमेंट बिलकुल जीरो है, पर्याप्त मात्रा में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही है। साथ ही किसी भी समय 6 से 8 घंटे की अघोषित बिजली कटौती की जा रही है जो की दुर्भाग्यपूर्ण है। शर्मा ने कहा कि जब किसान, मजदूर दिन भर अपने खेत पर मजदूरी कर अपने घर पर आता है और शाम को जब वह अपने बच्चों के साथ बैठता है ओर उसे घर पर बिजली नहीं मिलती तो अपने आप को ठगा सा महसूस करता है।
पूर्ववर्ती सरकार की निशुल्क बिजली योजना में पात्र लोगों को शामिल किया जाए 
विधायक शर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार द्वारा चलाई गई निशुल्क बिजली योजना के तहत जो पात्र व्यक्ति रजिस्ट्रेशन के लिए छूट गए थे उन्हें भी सरकार को इस योजना को बंद ना करके पुनः चालू कर लोगों को जोड़ा जाना चाहिए। विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार को जल्द से जल्द 2015 तक के सभी विद्युत कनेक्शन को सुनिश्चित समय पर किया जाना चाहिए जिससे कि आगे के कनेक्शन दिए जा सके। 
विद्युत मंत्री के बयान को बताया हास्य पद
विधायक शर्मा ने कहा- राज्य मंत्री को यह जानकारी शायद ना हो की कोयले का आवंटन भारत सरकार करती है, राजस्थान को जो भी कोयला दिलाया गया वह भारत सरकार ने अपनी इच्छा से कोल खान आवंटित की है। राज्य सरकार सीधा कोयला ब्लाक का आवंटन नहीं कर सकती, इन सबके बावजूद भी हर कीमत पर व्यवस्थित रूप से पूर्ववर्ती सरकार ने किसान मजदूर और हर व्यक्ति के घरेलू कनेक्शन को भरपूर बिजली दी है, आपका फ्यूल चार्ज बढ़ाने का आधार तर्कसंगत नहीं है, आपने तो जो निर्धारित निशुल्क बिजली जिन पात्र लोगों को दी जा रही थी और जो पात्र लोग उसमें से छूट गए उनको भी निशुल्क बिजली देने से मना कर दिया। फ्यूल चार्ज बढाना निंदनीय कृत्य। शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि बूंदी जिला मुख्यालय पर आम जन द्वारा अघोषित बिजली कटौती से आक्रोशित होकर अपने अधिकारों के लिए किए गए प्रदर्शन के पश्चात उन पर किए गए झूठे मुकदमों को भी वापस लिया जाना चाहिए।