मानसून के इस सीजन में बादल ऐसे बरसे कि रेगिस्तानी इलाके भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. वो इलाका जहां कभी लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरस जाते हैं, आज उसी रेगिस्तान में नदियां बह रही हैं. बारिश का ऐसा भयंकर तांडव कि मानो रेगिस्तान समुद्र में तब्दील हो चुका है और बारिश में सबकुछ तहस-नहस हो रहा है. बता दें कि जैसलमेर जिले में अब तक कुल 259.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो कि सामान्य से 145 फीसदी ज्यादा है. आम तौर पर यहां औसत बारिश 105.9 मिमी होती है. इस रिकॉर्ड बारिश के बाद जैसलमेर में भारी बारिश और बाढ़ से जो हालात बने हैं, उससे स्थानीय लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. यहां तक कि बीएसएफ बटालियन हेडक्वार्टर परिसर और कई रिहायशी इलाकों में भी पानी घुस गया है. ऐसे हालात शहर के लगभग हर इलाके में नजर आ रहा है. बाड़मेर मार्ग से होता हुआ पानी सबसे पहले शहर की इंदिरा कॉलोनी में घुसा और उसके बाद दरियानाथ बावड़ी का रिहायशी इलाका इसकी चपेट में आ गया. जिसके चलते करीब 80 से ज्यादा घरों में पानी भर गया है. इस पूरे मंजर के बाद शहरवासियों के लिए साल 2006 की बाढ़ की तस्वीरें ताजा हो गई है. इसके अलावा सम इलाके में कनोई क्षेत्र में 5 टेंट रिसोर्ट में बरसाती पानी घुसने से टेंट रिसोर्ट मालिकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. गनीमत थी कि टेन्ट रिसोर्ट में सैलानियों के नही होने से किसी प्रकार की कोई जन हानि नहीं हुई.

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