ब्रिटिश वाहन निर्माता JSW MG मोटर्स की ओर से भारत में इलेक्ट्रिक और आईसीई के साथ कई वाहनों को ऑफर किया जाता है। कंपनी की ओर से इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने और ग्राहकों की परेशानी को कम करने के लिए नया एप लॉन्‍च किया गया है। इसके अलावा किस तरह के फीचर्स को MG की कारों में दिया जा सकता है इसकी जानकारी भी दी गई है।

ब्रि‍टेन की वाहन निर्माता JSW MG मोटर्स की ओर से भारतीय बाजार में यूनिफाइड चार्जिंग प्‍लेटफॉर्म को लॉन्‍च कर दिया गया है। इसका फायदा ग्राहकों को किस तरह से होगा और इसके अलावा कंपनी की गाड़ियों में किस तरह की तकनीक का उपयोग किया जाएगा। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।

लॉन्‍च किया eHUB प्‍लेटफॉर्म

JSW MG मोटर्स की ओर से भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने वाले लोगों के लिए नया एप लॉन्‍च किया गया है। इस एप के जरिए सफर के समय गाड़ी को चार्ज के लिए अलग-अलग कंपनियों के एप डाउनलोड करने की जरुरत नहीं होगी। एमजी के इस यूनिफाइड चार्जिंग प्‍लेटफॉर्म के जरिए देशभर में कहीं पर भी ईवी चार्जर को ढूंढा जा सकता है और बिना किसी परेशानी उपयोग करके पेमेंट भी की जा सकती है। एमजी के इस एप में Zeon Charging, Statiq, Shell, EVRE, JIO BP, Adani, BP, HP, Charge Zone जैसी कंपनियों के इलेक्ट्रिक चार्जर उपयोग किए जा सकते हैं।

नई तकनीक की दी जानकारी

एमजी की ओर से जल्‍द ही अपनी सभी कारों और एसयूवी में इनोवेटिव कनेक्टिविटी प्‍लेटफॉर्म को ऑफर किया जाएगा। इस प्‍लेटफॉर्म को कंपनी ने जियो के साथ मिलकर बनाया है। इसके जरिए ग्राहक कई ओटीटी एप को एक्‍सेस कर सकते हैं। इसके अलावा गाड़ी में कई तरह के गेम और एजुकेशन प्‍लेटफॉर्म को भी एक्‍सेस कर सकते हैं। साथ ही किसी ग्राहक को गाड़ी से जुड़ी जानकारी चाहिए तो वह अपने घर पर टीवी देखते हुए भी गाड़ी से जुड़ी कई जानकारियों को देख सकता है। उम्‍मीद की जा रही है कि MG JIO ICP तकनीक को सबसे पहले Windsor CUV में दिया जा सकता है।

लगातार बढ़ रही है ईवी की संख्‍या

JSW MG मोटर्स के सीईओ एमिरेटस राजीव चाबा की ओर से जानकारी दी गई है कि आईसीई वाहन देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर भारी दबाव डालते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि कच्‍चे तेल के लिए हर साल 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बिल आता है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों को उपयोग करने पर इसे कम किया जा सकता है। उनके मुताबिक देश में लगातार ईवी की संख्‍या में बढ़ोतरी हो रही है। 2020-21 में 5154 यूनिट्स ईवी के मुकाबले 2023-24 के दौरान ईवी की संख्‍या 90 हजार यूनिट्स से ज्‍यादा हो गई है।