क्या वक्फ अधिनियम का दुरुपयोग नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की वक्फ बोर्ड की असीमित शक्तियों को सीमित करने की योजना को बल दे रहा है? यह सवाल राजनीतिक बहस के केंद्र में है, क्योंकि केंद्र सरकार वक्फ अधिनियम में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। इस सब के बीच सूत्रों ने जो बताया, उसके अनुसार वक्फ अधिनियम के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए वक्फ बोर्ड के संचालन को गलत बताकर पेश किया गया है। सूत्रों का कहना है कि लंबे समय से वक्फ बोर्ड पर कांग्रेस द्वारा वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधनों के बाद भू-माफिया की तरह काम करने, व्यक्तिगत भूमि, सरकारी भूमि, मंदिर की भूमि और गुरुद्वारों सहित विभिन्न प्रकार की संपत्तियों को जब्त करने का आरोप लगाया गया है। सूत्रों के मुताबिक शुरुआत में वक्फ की पूरे भारत में करीब 52,000 संपत्तियां थीं। 2009 तक यह संख्या 4,00,000 एकड़ भूमि को कवर करते हुए 3,00,000 पंजीकृत संपत्तियों तक पहुंच गई थी। सूत्रों ने कहा कि आज, पंजीकृत वक्फ संपत्तियों की संख्या 8,72,292 से अधिक हो गई है, जो 8,00,000 एकड़ से अधिक भूमि पर फैली हुई है। यह केवल 13 वर्षों के भीतर वक्फ भूमि के नाटकीय रूप से दोगुना होने को दर्शाता है।