प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में बड़ा फैसला हुआ। 50,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से 936 किलोमीटर लंबी 8 नेशनल हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। रेल, आईटी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। वैष्णव ने कहा कि 6- लेन आगरा-ग्वालियर नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर के बनने से आगरा और ग्वालियर के बीच यात्रा का समय 50 प्रतिशत कम होगा। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा अनुमोदित परियोजनाओं में 6-लेन आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर, 4-लेन खड़गपुर-मोरग्राम राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर, 6-लेन थराद-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर, 4-लेन अयोध्या रिंग रोड, रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर का पत्थलगांव और गुमला के बीच 4-लेन खंड और 6-लेन कानपुर रिंग रोड शामिल हैं।नई परियोजनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा: भारत के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य को परिवर्तनकारीबढ़ावा! 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 8 राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को कैबिनेट की मंजूरी से हमारे आर्थिक विकासपर गुणकप्रभाव पड़ेगा और रोजगारके अवसरों को बढ़ावा मिलेगा। यह एक भविष्यवादी और जुड़े हुए भारत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है। सरकार की ओर से कहा गया है कि सरकार ने गलियारा आधारित राजमार्ग अवसंरचना विकास दृष्टिकोण को अपनाया है, जिसमें सुसंगत मानकों, उपयोगकर्ता सुविधा और रसद दक्षता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जबकि पहले परियोजना आधारित विकास दृष्टिकोण स्थानीय भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों पर केंद्रित था।