बूंदी। 23 जुलाई की शाम को शहर की इंद्रा कॉलोनी से लापता हुए हेड कांस्टेबल रामचरण धाकड़ को बूंदी की सदर थाना थाना पुलिस को 5 दिन की कड़ी मेहनत के बाद मध्यप्रदेश के उज्जैन से दस्तयाब करने में सफलता मिली है। रविवार देर रात पुलिस हेड कांस्टेबल को लेकर बूंदी पहुंची है। फिलहाल पुलिस द्वारा हेड कांस्टेबल से पूछताछ की जा रही है। हेड कांस्टेबल के मिलने के बाद पुलिस और परिजनों ने राहत की सांस ली है। दरअसल, हेड कांस्टेबल गैण्डोली थाने में तैनात है और वह 16 जुलाई से थाने में गैर हाजिर चल रहा था।
हेड कांस्टेबल के पास नहीं था मोबाइल
मामले की जानकारी देते हुए सदर थाना प्रभारी भगवान सहाय मीणा ने बताया कि लापता हेड कांस्टेबल को उज्जैन से दस्तयाब कर लिया है। उन्होंने बताया कि पुलिस के लिए इसे ढूंढना भूसे में सुई के ढूंढने के बराबर था। क्योंकि हेड कांस्टेबल के पास मोबाइल भी नहीं था। वह मोबाइल को घर पर ही छोड़ गया। लेकिन बैंक का एटीएम ले गया। जब हेड कांस्टेबल के पास पैसे खत्म हुए तो एटीएम से उसने पैसे निकाले। जैसे ही 5 हजार रुपए निकलाने के मैसेज आया पुलिस ने कस्टमर केयर से जानकारी ली तो रुपए मध्यप्रदेश के उज्जैन से निकालने की बात सामने आई थी। इसके बाद उज्जैन पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर पुलिस की एक टीम उज्जैन के लिए रवाना की।
रेलवे स्टेशन पर मिला
सदर थानाधिकारी ने बताया कि बूंदी पुलिस की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से उज्जैन में हेड कांस्टेबल को चप्पे-चप्पे पर तलाश किया। करीब 5 से 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने उसे उज्जैन के रेलवे स्टेशन से दस्तयाब किया है। इसके बाद उसे उज्जैन थाने ले गई। फिर पुलिस की टीम उसे देर रात बूंदी लेकर पहुंची। जहां उसके बयान दर्ज किया जा रहे हैं।
एसपी ने मामले को लिया गंभीर
बता दें कि हेड कांस्टेबल रामचरण गैण्डोली थाने में तैनात है और वह 23 जुलाई को अचानक घर से लापता हो गया। इसके बाद परिजनों ने उसकी तलाश की लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद परिजनों ने थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया। इसके बाद एसपी हनुमान प्रसाद मीणा ने इस मामले को गंभीरता से लिया और सदर थाना प्रभारी भगवान सहाय मीणा को इसकी जिम्मेदारी दी। थानाधिकारी ने टीम का गठन कर शहर और आसपास के तमाम सीसीटीवी फुटेज निकाले, तकनीक माध्यम से जानकारी जुटाई। पुलिस टीम ने कई स्थानों को भी सर्च किया। लेकिन पुलिस प्रयास में लगी रही। आखिर 5 दिन बाद सफलता मिल ही गई। उधर जिला पुलिस अधीक्षक हनुमान प्रसाद मीणा का कहना है कि इस तरह से स्वयं लापता होने से पुलिस विभाग में अनुशासनहिंता की श्रेणी में आता है। कोई बात थी तो हमे बताया होता। इस तरह की घटनाओं से पुलिस की छवि खराब होती है