राजस्थान वॉटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन को क्रियाशील करने और जलदाय इंजीनियरों और कर्मचारियों की सेवा शर्तें बदलने के विरोध में जलदाय संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से चल रहा आंदोलन मांगे माने जाने के लिखित आदेश के बाद समाप्त हो गया है। समिति से जुड़े आंदोलनकारी कर्मचारी और पदाधिकारी काम पर लौट आए हैं। जलदाय सचिव डॉ. समित शर्मा की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जलदाय इंजीनियर और कर्मचारियों की सेवाएं कॉर्पोरेशन में प्रतिनियुक्ति पर ली जाएंगी। इसके लिए एक्ट में प्रावधान के लिए संशोधन किया जाएगा।
संघर्ष समिति के संयोजक डीपी चौधरी ने बताया कि रविवार से जलदाय इंजीनियर और कर्मचारी पेयजल व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहे हैं। सोमवार से ऑफिस में भी कार्य सुचारू हो गया है।
जलदाय सचिव की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अभियंताओं एवं कार्मिकों की सेवाएं पूर्व की भांति राजस्थान सेवा नियमों एवं अन्य संबंधित प्रावधानों के अंतर्गत ही जारी रहेंगी। अभियंताओं एवं कार्मिकों को पद समाप्त नहीं किए जाएंगे। निगम में अभियंताओं एवं कार्मिकों की सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर ली जाएंगी। वही सीवरेज निगम एक्ट में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी के विभाग के अधीन अभियंता एवं कार्मिकों की सेवाएं सर प्लस घोषित कर निगम के अधिकारी व कार्मिक बनाए जाने के प्रावधान को निरस्त किया जाएगा। डीपी चौधरी ने बताया कि लिखित समझौते में अभियंताओं एवं कर्मचारियों की वर्ष 2023- 24 एवं वर्ष 2024- 25 की लंबित डीपीसी जुलाई माह में ही संपन्न कराए जाने, विभाग में लंबे समय से बकाया चल रही तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती तुरंत करने, विभाग की अभियंताओं के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई रोकने पर भी बात भी कही गई है।