जयपुर। राजस्थान के पूर्वी इलाके में मानसून की सक्रियता लगातार बनी हुई है। मानसून की यह सक्रियता अब इस इलाके पर भारी पड़ने लगी है। लगातार बारिश से दौसा जिला अब चौतरफा पानी से घिर गया है। वहां के कई गांव बारिश के पानी से घिर गए हैं, लोग घरों में ही कैद हो गए हैं। दौसा के अलावा बांसवाड़ा, कोटा, भरतपुर और बूंदी जिले के कई इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गई है।

बूंदी के लोहली में कच्चा घर ढह गया
बूंदी जिले के गेंडोली थाना क्षेत्र के गांव लोहली में अधिक बारिश के कारण नीमलाल पुत्र भेरू लाल गुर्जर का कच्चा घर ढह गया। बताया जा रहा है कि यहां कोई जनहानि नहीं हुई। लाखेरी क्षेत्र में लंबे इंतजार के बाद शनिवार शाम कोएक घंटे हुई झमाझम बरसात से सड़कें और गलियां लबालब हो गईं। बरसाती नालों में उफान आने से निचले इलाकों में पानी भर गया। जिससे ब्रहमपुरी क्षेत्र में चारभुजा मंदिर के पास पहाडों का पानी दरिया बनकर बह निकला, नयापुरा क्षेत्र मे गलियों में पानी ही पानी हो गया। बरसाती नालों में भी उफान आ गया। पहली तेज बरसात ने कस्बे की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी। 

मौसम विभाग ने आज फिर से पूर्वी राजस्थान के टोंक, भीलवाड़ा और अजमेर जिले में अति भारी बारिश की चेतावनी है। इसके साथ ही जयपुर समेत 11 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून की ट्रफ लाइन अपनी सामान्य अवस्था में है। बंगाल की खाड़ी, बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तट पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, इससे प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश के आसार हैं। इस तंत्र के प्रभाव से पूर्वी राजस्थान में आगामी एक सप्ताह तक मानसून के सक्रिय रहने के आसार हैं। इससे बारिश का दौर चलता रहेगा। इस दौरान इस इलाके में कोटा और उदयपुर संभाग के कुछ जिलों में भारी और कुछ में अति भारी बारिश हो सकती है।

29 से 31 जुलाई के बीच पश्चिम राजस्थान में बारिश के आसार
मौसम विभाग के मुताबिक इस अवधि में भरतपुर, जयपुर, अजमेर, बीकानेर और जोधपुर संभाग के भी कई इलाकों में मध्यम से तेज बारिश हो सकती है। पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर और बीकानेर संभाग के कुछ इलाकों में आगामी 29 से 31 जुलाई के बीच बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। इससे कुछ जिलों में तेज बरसात होने के आसार हैं। बारिश के कारण तापमान सामान्य बना हुआ है। 

कई इलाकों में बारिश ने रोकी राहें
राजस्थान के कुछ इलाकों में हो रही भारी बारिश ने लोगों को चिंता में डाल दिया है, भारी बारिश के कारण कई इलाकों में रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं। वहीं कई गांवों और कस्बों में बारिश का पानी घरों तथा दुकानों में घुस गया है। इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं, राजस्थान से सटे मध्यप्रदेश में बीते दो दिन से हो बारिश और आज बारां जिले के छबड़ा में हो रही बारिश से चंबल नदी के बाद पार्वती नदी में भी जलस्तर बढ़ गया है। इससे पार्वती नदी उफान पर आ गई है। पार्वती नदी किनारे का हनोतिया गांव टापू में तब्दील हो गया है। गांव में फंसी एक महिला और बच्चे की तबियत बिगड़ गई। उनको एसडीआरएफ ने नाव से रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया गया है।

कोटा बैराज के 6 गेट खोले
पार्वती व चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से कोटा-श्योपुर मार्ग बंद हो गया है। पार्वती नदी की पुलिया पर पानी की अत्यधिक आवक से राजस्थान और मध्य प्रदेश का आपसी संपर्क कट गया है। पार्वती नदी की पुलिया पर करीब 1 फीट पानी की चादर चल रही है। चंबल और काली सिंध नदियों में भी लगातार पानी की आवक बढ़ती जा रही है। चंबल नदी की झरेर की पुलिया पर करीब ढाई फिट पानी की चादर चल रही है। इसके चलते इटावा-खातोली सवाईमाधोपुर मार्ग अवरूद्ध हो गया है। इलाके में बाढ़ जैसे उत्पन हो रही स्थिति को देखते हुए प्रशासन भी हाई अलर्ट पर है। कोटा बैराज के 6 गेट खोले गए ताकि इलाके के जलस्तर को कम किया जा सके। कोटा शहर में प्रशासन ने निचले इलाकों को हाई अलर्ट जारी किया है। एनएच 52 पर दरा की नाले उफना गए जिससे रास्ते बंद हो गए हैं और दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लगी है।