राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल के अपशब्द इस्तेमाल करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. शनिवार को कोटा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन करते हुए शांति धारीवाल का पुतला जलाया. साथ ही सदन में बोले गए अपशब्द को लेकर माफी मांगने की भाजपा कार्यकर्ताओं ने मांग की है. वहीं, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हमला बोलते हुए कहा कि यह शांति धारीवाल की मानसिक दरिद्रता को दर्शाता है. विधानसभा में कांग्रेस विधायक द्वारा अपशब्द बोलने पर शनिवार को कोटा में बीजेपी कार्यकर्ताओं की ओर से प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राकेश नायक के नेतृत्व में सद्बुद्धि यज्ञ किया गया. इसके साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूर्व मंत्री शांति धारीवाल के पिता की कोटा में डीसीएम रोड पर स्थापित प्रतिमा स्थल पर पहुंचकर प्रतिमा के सामने शिकायत पत्र प्रस्तुत कर अपना विरोध जताया. वहीं शांति धारीवाल के विधानसभा में अपशब्द बोलने पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने खेद जताया है. उन्होंने कहा कि शांति धारीवाल ने विधानसभा में अपशब्दों का प्रयोग किया है. यह निश्चित तौर पर पूरी तरह से गलत है. आसन का सम्मान कैसे करना चाहिए, यह उन्हें नहीं आया है. वे अपने आप को वरिष्ठ विधायक कहते हैं, जबकि विधानसभा में कैसे बोला जाता है, यह उन्हें नहीं आता है. ये उनकी मानसिक दरिद्रता को दिखाता है. दरअसल, शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में अजीब वाकया देखने को मिला था. कोटा उत्तर के विधायक शांति धारीवाल शुक्रवार को विधानसभा में बोल रहे थे. इस बीच 30 मिनट का समय पूरा होने के बाद स्पीकर की कुर्सी पर बैठे कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा ने कांग्रेस नेता शांति धारीवाल को बोलने से रोक दिया. इस पर शांति धारीवाल ने संदीप शर्मा से कहा, "कोटा के रहने वाले हो. कोटा में रहना है या नहीं. इस दौरान सदन में मौजूद अन्य सदस्य शांति धारीवाल की बात पर हंसने लगे."