सरपंचो से कमीशन लेकर विकास कार्य स्वीकृत कर रहे हैं पंचायती राज के अधिकारी
विधानसभा मे स्थगन प्रस्ताव पर बोले बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा

बून्दी। गुरुवार को विधानसभा मे स्थगन प्रस्ताव पर बोलते हुए बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि प्रदेश की 75 प्रतिशत जिला परिषदे व पंचायत समितियां निर्धारित समय ही नही निर्धारित समय के 7 से 8 महीने बाद तक भी जिला परिषद व पंचायत समितियों की बैठक आयोजित नही करती है।
गुरुवार को पर्ची सिस्टम पर बोलते हुए बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि अधिकारियों के द्वारा पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों की दुर्दशा की जा रही है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व पंचायत समितियों के विकास अधिकारी मिलीभगत करके पंचायतो मे सरपंचो से 10 प्रतिशत कमीशन लेकर विकास कार्यो की स्वीकृत करते है।
50 प्रतिशत भी खर्च नहीं हो रहा विकास कार्यो में
बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि 10 प्रतिशत लेती है जिला परिषद व पंचायत समिति, 10 प्रतिशत लेते है स्थानीय अधिकारी, 10 प्रतिशत बच जाता है सरपंच के पास, 10 प्रतिशत हो जाता है व्यवस्थाओ मे खर्च। इसी के कारण जितना पैसा पंचायतों के विकास मे स्वीकृत होता है उसका 50 प्रतिशत भी खर्च नहीं हो पा रहा है।
मनरेगा का पैसा भी नहीं पहुंचा पंचायतों के पास
बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा के केन्द्र सरकार को जो अनुदान जिला परिषदो व पंचायत समितियों को देना था वह अनुदान अभी तक नहीं दिया गया है। वित्त आयोग के द्वितीय किश्त की राशि 872 करोड़, चालू वित्त वर्ष की राशि 2 हजार करोड़, कुल राशि 2 हजार 872 करोड़ का अनुदान केन्द्र सरकार जारी नहीं कर रही है जिसे जल्द जारी किया जाना चाहिए। मनरेगा का पैसा भी पंचायतों के पास नहीं पहुंचा है जिसके कारण पंचायतों के हालात खराब है। प्रदेश के दोनो पंचायती राज मंत्रियों के बीच के विवाद के कारण प्रदेश के पंचायती राज के हालात बिगड रहे है।