बिहार में जन सुराज पदयात्रा कर रहे चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को बिहार की जातिगत राजनीति को लेकर तंज कसते हुए कहा कि अगर पीतल और सोना साथ रखा जाए तो किसी भी जाति के लोग हों, सोना ही उठाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि देश में ऐसा कोई मुख्यमंत्री नहीं जिनकी जाति के लोग राज्य में सबसे अधिक हों। देश में चुनाव में जाति की प्रमुखता है। मैं यह नहीं कहता कि जाति राजनीति में हावी नहीं है, लेकिन जाति ही राजनीति को तय करती है, इस बात में पूरी सच्चाई नहीं है। प्रशांत किशोर ने कहा कि देश और बिहार में लोगों ने बहुत चालाकी से यह बात लोगों के दिमाग में बैठा दी है ताकि नए लोग राजनीति में आने का प्रयास ही नहीं करें। बिहार के लोगों ने कभी सोचा है कि नीतीश कुमार की जाति के लोग बिहार में कितनी संख्या में रहते हैं? लालू यादव की जाति के कितने लोग बिहार में रहते हैं.प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जब भी लगे कि हमारे जाति के लोग जब अधिक होंगे तभी हम राजनीति कर सकते हैं, तो इस बात में आपको जरा भी सच्चाई नहीं दिखेगी। देश में अलग-अलग राज्यों में जितने भी मुख्यमंत्री हैं, उसमें कोई भी ऐसा मुख्यमंत्री नहीं है, जिसकी जाति उस राज्य में सबसे ज्यादा हो। ये आपका हमारा भ्रम है कि हमारी जाति के अधिक लोग होने से ही हम राजनीति में आ सकते हैं।बता दें कि पीके पिछले काफी महीनों से पदयात्रा के जरिए राजनीति में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने महात्मा गांधी की जयंती यानी 2 अक्टूबर को पार्टी लॉन्च करने की घोषणा की है। वे लंबे समय से बिहार की यात्रा कर रहे हैं।

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ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा

ओम धगाल की और से हिंडोली विधानसभा क्षेत्र एवं बूंदी जिले वासियों को रौशनी के त्यौहार दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं