नई दिल्ली। ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सरकार बनने के बाद भारत के साथ इसके रिश्तों को लेकर जो थोड़ी बहुत अनिश्चितता थी, वह खत्म हो गई। बुधवार को भारत के दौरे पर पहुंचे ब्रिटेन के नए विदेश मंत्री डेविड लैमी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
टीएसआई शुरू करने का एलान
लैमी-जयशंकर की अगुआई में हुई बैठक में ब्रिटेन-भारत प्रौद्योगिकी सुरक्षा अभियान (टीएसआई) शुरू करने का एलान किया गया। इस तरह का समझौता भारत ने अमेरिका के साथ भी किया है जो अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग का दायरा बड़ा करता है। यह दोनों सरकारों, निजी क्षेत्र, विश्वविद्यालयों व रिसर्च संस्थानों को एक साथ मिलकर संचार, क्रिटिकल मिनिरल्स, सेमीकंडक्टर, बायोटेक, एआई जैसे नए क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग का मंच देगा
प्रौद्योगिकी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को होगा लाभ
माना जा रहा है कि यह समझौता भारत में प्रौद्योगिकी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को रोजगार के नए अवसर भी देगा। प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग को दोनों देश काफी प्राथमिकता से ले रहे हैं। बुधवार की बैठक में यह सहमति बनी है कि भारत व ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय मिलकर ऐसी व्यवस्था करेंगे, जिससे क्रिटिकल व इमर्जिंग टेक्नोलोजी में आपसी कारोबार करना आसान हो। इसके लिए लाइसेंस व नियमन संबंधी बाधाओं को दूर किया जाएगा।
FTA को लेकर क्या हुई बातचीत?
विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि दोनों विदेश मंत्रियों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर भी बात हुई है और इस पर जल्द ही समझौता करने की सहमति बनी है। दोनों देशों के बीच इसको लेकर तीन वर्षों से गहन वार्ता चल रही है और पहले दिसंबर, 2023 तक इस पर समझौता करने का एलान भी किया गया था। लेबर पार्टी ने पहले तो इस समझौते के लेकर कुछ विरोध किया था, लेकिन अब वह इसका पूरा समर्थन कर रही है।