NEET UG परीक्षा के मामले में सुप्रीम कोर्ट मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुना दिया है. जिसमें साफ कहा गया है कि नीट की परीक्षा को दोबारा आयोजित नहीं कराई जाएगी. उन्होंने नीट परीक्षा दोबारा कराने की मांग को खारिज कर दिया. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि कहा, इस नतीजे पर पहुंचना कठिन कि परीक्षा की पवित्रता भंग हुई.सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने कहा है कि अदालत को लगता है कि इस साल के लिए नए सिरे से UG NEET का निदेश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा. इससे प्रवेश कार्यक्रम में भी व्यवधान पैदा होगा. कोर्ट ने कहा कि इससे न केवल चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा. बल्कि भविष्य में योग्य चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा. इसके साथ ही वंचित समूह के लिए गंभीर रूप से नुकसानदेह होगा. जिनके लिए सीटों के आवंटन में आरक्षण किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्तमान चरण में रिकॉर्ड पर ऐसी कोई सामग्री नहीं है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि परीक्षा का परिणाम दूषित था या परीक्षा की पवित्रता में प्रणालीगत उल्लंघन हुआ था.सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने कहा कि ऐसा कोई मैटरियल नहीं मिला जिससे यह दिकता है कि पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है. साजस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जिन लोगो ने गड़बड़ी का फायदा उठाया है, उनकी बेदाग कैंडिडेट से अलग कर पहचान कर पाना संभव है, आगे चलकर गड़बड़ी पाई जाती है तो भी उसका एडमिशन रद्द किया जा सकता है.
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