भजनलाल शर्मा सरकार ने राजस्थान की शिक्षा प्रणाली में क्रांति लाने के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 50 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात के लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से, उच्च और तकनीकी शिक्षा के लिए 31,112 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक अनुदान स्वीकृत किया गया है। इस निर्णय से राजस्थान में शिक्षा का स्वर्णिम युग शुरू होने जा रहा है। उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम चंद बैरवा ने शनिवार को राज्य विधानसभा में उच्च और तकनीकी शिक्षा के लिए अनुदान अनुरोधों पर बहस के दौरान यह महत्वपूर्ण घोषणा की। बैरवा ने बताया कि राजस्थान का GER राष्ट्रीय औसत से ऊपर पहुंच गया है, राज्य ने 28.6% का GER हासिल किया है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 28.4% है। उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम चंद बैरवा ने कहा, “सरकारी कॉलेजों में नए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत, बुनियादी ढांचे में सुधार और मौजूदा संस्थानों को उन्नत बनाने से राज्य को उच्च गुणवत्ता वाले मानव संसाधन बनाने में मदद मिलेगी।” GER को 18-23 आयु वर्ग की आबादी का प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी भी उच्च शिक्षा संस्थान में नामांकित हैं। इस बहस के बाद, सदन ने उच्च शिक्षा विभाग के लिए 27,041 करोड़ रुपये और तकनीकी शिक्षा विभाग के लिए 4,071 करोड़ रुपये के अनुदान अनुरोधों को सर्वसम्मति से मंजूरी दी। बैरवा ने घोषणा की कि बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA), मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA), और मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशन (MCA) जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम जिला और मंडल मुख्यालयों के कॉलेजों में प्रारंभ होंगे।