आज इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल डेवलपमेंट अमृतसर की डॉयरेक्टर श्रीमति राधिका चुग ने गुरू पूर्णिमा के शुभ अवसर पर अपने संस्थान के छात्रों को एक वीडियो संदेश जारी किया उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु का महत्व अत्यधिक माना जाता है। गुरु को संस्कृति में ईश्वर का स्वरूप माना गया है, जिसके माध्यम से शिष्य अन्तरात्मा के प्रकाश को प्राप्त करता है। गुरु शिक्षा और ज्ञान का स्रोत होते हैं, जिनसे शिष्य अज्ञानता और अंधकार से प्रकाश और ज्ञान की ओर प्रगाढ़ित होता है। गुरु की परंपरा ने भारतीय समाज में संस्कृति, धर्म, तत्त्वज्ञान, कला, साहित्य और विज्ञान को संजीवनी दी है। गुरु का शिष्य के जीवन में महत्वपूर्ण योगदान होता है, जो उसे न सिर्फ अकादमिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है, बल्कि उसके आध्यात्मिक और सामाजिक विकास में भी सहायक होता है।
राधिका चुग ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य परंपरा बहुत महत्वपूर्ण है और इसका गहरा अर्थ है। यह परंपरा विशेष रूप से धार्मिक और दार्शनिक सिद्धांतों, शिक्षा, कला, साहित्य, और विज्ञान में ज्ञान की सतत प्रसार को सुनिश्चित करती है।
गौरतलब है कि इस संस्थान से हजारों बच्चे प्रषिक्षण लेकर अपने जीवन में आत्मनिर्भर भी बने हैं, और कई छात्र प्रशिक्षण लेकर जीवन में बहुत बेहतर कर रहे हैं। यही भुमिका गुरू की होती है। प्रेरणागुरु और शिष्य का संबंध प्रेम और आदर्शों पर आधारित होता है। गुरु शिष्य के लिए एक प्रेरणा स्रोत होते हैं, जो उसके जीवन में नेतृत्व और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
राधिका चुग ने कहा कि गुरु-शिष्य परंपरा ने भारतीय समाज में ज्ञान और संस्कृति को विशाल रूप से प्रसारित किया है। यह परंपरा अज्ञात से ज्ञानी, असहाय से सशक्त तक विभिन्न वर्गों को एक साथ लाती है।
इस अवसर पर संस्थान में कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया जिसमें स्टॉफ के सदस्यो ने भाग लिया इस अवसर पर मैनेजर मोनिका जी, कार्तिक महाजन,मानसी, हरमीत कौर, रिश्मा शिंगारी, अनमोलदीप कौर, मनदीप कौर, इंदर, साहिल,रंजना,कुसुम, गुरविंदर कौर, जगप्रीत सिंह, नताशा, परमिंदर कौर, नवनीत कौर आदि मौजूद रहे।