राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं काग्ग्ंग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने राज्य सरकार पर प्रदेश में बिजली और पानी की अव्यवस्था फैल जाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य की जनता अघोषित बिजली कटौती से त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रही है। गहलोत ने शुक्रवार को अपने बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि बिजली मंत्री को इस ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि इस बिजली कटौती के कारण ऊमस और मच्छरों से परेशान जनता जानना चाहती है कि पिछले आठ महीने से राजस्थान में बिजली और पानी की अव्यवस्था क्यों फैली हुई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री 12 जुलाई को सोशल मीडिया पोस्ट करते हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार ने हसदेव अरण्य कोलफील्ड में संचालित परसा ईस्ट एवं कांता बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टेयर वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति प्रदान कर दी है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री मीडिया के सामने कहते हैं कि ऐसा कुछ नहीं है, उनसे (राजस्थान के मुख्यमंत्री) कोई गलती हुई है। गहलोत ने कहा कि राजस्थान मुख्यमंत्री कार्यालय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर कोई जवाब नहीं देता है जिस पर विपक्ष ने सवाल उठाए। इन सवालों पर ऊर्जा मंत्री की ओर से जवाब आता है कि पीईकेबी की 91 हेक्टेयर भूमि की साइट क्लीयरेंस अनुमति पिछले वर्ष 12/12/23 को दे दी गई थी। इसमें से 26 हेक्टेयर भूमि 19/1/24 एवं 30 हेक्टेयर भूमि 22/3/24 को राजस्थान सरकार को मिल गई। शेष 34 हेक्टेयर जमीन की क्लीयरेंस मिल गई है एवं ये जमीन जल्द राजस्थान सरकार को मिलेगी। उन्होंने कहा कि बिजली मंत्री का दावा है कि मुख्यमंत्री राजस्थान के सोशल मीडिया पोस्ट में कुछ और अधूरे अनुरोधों के पूर्ण होने का निवेदन किया है जिस पर मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ ने यह जवाब दिया।
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