केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने शुक्रवार को बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान ने कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए को छोड़ भाजपा में शामिल होने का फैसला क्यों किया था।चिराग पासवान ने कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव से पहले उनके पिता ने राहुल गांधी से मिलने की महीनों कोशिश की। मगर राहुल गांधी ने मिलने का वक्त नहीं दिया। यही प्रमुख वजह है कि उनके पिता को भाजपा के साथ गठबंधन में आना पड़ा। चिराग पासवान ने राहुल गांधी के बारे में अपनी राय भी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राहुल हाल ही में अपनी जिम्मेदारी को थोड़ा अधिक गंभीरता से लेने लगे हैं। हालांकि चिराग ने संसद में उनके हालिया भाषण की आलोचना की।चिराग पासवान ने कहा कि यूपीए में अपनी पार्टी के भविष्य पर चर्चा के लिए अपने पिता के साथ सोनिया गांधी से मिला था। उस वक्त सोनिया गांधी ने राहुल गांधी से मिलने का सुझाव दिया था। पिता ने समय मांगा और तीन महीने से अधिक समय तक इंतजार किया, लेकिन राहुल गांधी ने मुलाकात नहीं की। चिराग पासवान ने कहा कि इसके बाद भी उनके पिता यूपीए का हिस्सा बने रहने के इच्छुक थे। इस बारे में राहुल गांधी से चर्चा करना चाहते थे। चिराग पासवान ने आगे कहा कि यह मेरे लिए अच्छा हुआ। अगर राहुल गांधी से मुलाकात हो जाती तो अपने पिता को भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने के लिए मनाना मुश्किल होता।