महिलाओं को बैक्टीरिया की वजह से क्लैमाइडिया की समस्या हो सकती है। यह एक सामान्य यौन संचारित संक्रमण (Sexually Transmitted Infections - एसटीआई) होता है। यह इंफेक्शन महिलाओं में देखने को मिलता है। समय पर क्लैमाइडिया की पहचान करके इसका इलाज किया जा सकता है। हालांकि, इसके लक्षण अक्सर नजर नहीं आते हैं। क्लैमाइडिया (Chlamydia) के लिए जल्द से जल्द उपचार किया जाना चाहिए। अगर, इस समस्या का इलाज समय पर न किया जाए तो यह अन्य समस्याओं की वजह बन सकती हैं। साथ ही, यह महिलाओं के प्रजनन अंगों को भी प्रभावित कर सकती है। इस वजह से इसका इलाज समय पर कराना बेहद जरूरी हो जाता है। इस लेख में महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि क्लैमाइडिया होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं।
क्लैमाइडिया कैसे फैलता है?
एक बार जब किसी महिला को क्लैमाइडिया हो जाता है, तो वह यौन संबंध के माध्यम से दूसरे साथी तक फैल सकता है। संक्रमण तब भी हो सकता है जब क्लैमाइडिया से पीड़ित व्यक्ति अपने साथी के साथ किसी तरह का टॉय साझा करता है।
महिलाओं में क्लैमाइडिया के लक्षण - Chlamydia Symptoms)
वजाइनल डिसचार्ज
क्लैमाइडिया से पीड़ित महिलाओं को वजाइल डिसचार्ज की समस्या हो सकती है। यह डिसचार्ज सफेद, पीला या हरा हो सकता है। इससे तेज गंध निकलती है और यह सामान्य से ज़्यादा गाढ़ा हो सकता है।
यूरिन पास करते समय जलन होना
क्लैमाइडिया होने पर महिलाओं को यूरिन पास करते समय जलन हो सकती है। इस लक्षण को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) समझा जा सकता है। इससे रोग की पहचान में देरी हो सकती है।
पार्टनर के साथ संबंध बनाते समय दर्द होना
कुछ महिलाओं को पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बन के दौरान दर्द का अनुभव होता है, जिसे डिस्पेर्यूनिया (dyspareunia) के रूप में जाना जाता है। यह गर्भाशय की सूजन और संक्रमण के कारण हो सकता है।
पेट के निचले हिस्से में दर्द
कुछ मामलों में, क्लैमाइडिया से पीड़ित महिलाओं को पेट के निचले हिस्से या पैल्विक दर्द का अनुभव हो सकता है। यह लक्षण अक्सर अधिक गंभीर संक्रमण या अन्य समस्याओं से जुड़ा होता है, जैसे कि पैल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) आदि।
पीरियड्स में ब्लीडिंग होना
अनियमित वजाइनल डिसचार्ज, जैसे कि मासिक धर्म के बीच स्पॉटिंग, क्लैमाइडिया का संकेत हो सकता है। यह ब्लीडिंग शारीरिक संबंध बनाने के बाद भी हो सकता है।
क्लाैमाइिडिया होने पर महिला को इसे बताने में झिझकना नहीं चाहिए। इस स्थित में महिलाओं को बिना देरी किए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यदि आपको ऊपर बताए लक्षण महससू होते हैं, तो ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर उचित टेस्ट करवा सकते हैं।