स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए नए -नए तरीके निकालते रहते हैं। इस बार स्कैमर्स ने SBI यूजर्स को निशाना बनाया है। एक नया SBI रिवॉर्ड प्वॉइंट स्कैम सामने आया है जिसमें अपराधी आपको फेक रिवॉर्ड प्वॉइंट वाले मैसेज भेज रहा है। अगर आप भी SBI यूजर है तो हम आपको इससे बचने के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं। आइये इसके बारे में जानते हैं।

अगर आप SBI के कस्टमर्स हैं, तो सावधान हो जाएं। एक नया स्कैम तेजी से फैल रहा है, जिसमें रिवॉर्ड प्वॉइंट के नाम पर स्कैमर्स धोखाधड़ी कर रहे हैं। इसमें घोटालेबाज आपको SBI रिवॉर्ड प्वॉइंट वाले फेक मैसेज करके फंसाने की कोशिश करते हैं।

अगर आप इस तरह के झांसे में आ जाते हैं तो आपको भारी नुकसान हो सकता है। इसमें आपकी पर्सनल जानकारी लीक होने के साथ वित्तीय जानकारी चुराए जाने का भी खतरा है। यहां हम आपको इस स्कैम से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बार में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

कैसे काम करता है स्कैम

  • अगर आप इस स्कैम से बचना चाहते हैं तो आपको पहले इस स्कैम के बारे में जानना जरूरी है। इसमें आपको एक फर्जी संदेश मिलता है।
  • यह मैसेज SBI रिवॉर्ड पॉइंट से आया हुआ लगता है, जिसमें अक्सर बैंक के लोगो और नाम होते हैं।
  • मैसेज में दावा किया जाता है कि आपके रिवॉर्ड पॉइंट समाप्त हो रहे हैं और आपसे कार्रवाई की जाएगी।
  • इस संदेश में एक लिंक होता है, जिस पर क्लिक करने पर आपको एक फर्जी वेबसाइट पर ले जाया जाता है या आपको APK फाइल डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है।
  • इसको क्लिक करने के बाद आप अपने डिवाइस पर मैलवेयर इंस्टॉल कर देते हैं, जिससे स्कैमर्स को बैंकिंग क्रेडेंशियल सहित आपकी पर्सनल जानकारी तक एक्सेस मिल जाता है
  • कैसे रहे सुरक्षित

    • सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि SBI कभी भी SMS या WhatsApp के जरिए रिवॉर्ड प्वॉइंट से संबंधित मैसेज नहीं भेजेगा।
    • हमेशा बैंक के ईमेल ऐड्रेस या फोन नंबर सही से जांचे। अगर यह संदिग्ध है, तो किसी भी लिंक पर क्लिक न करें।
    • कभी भी किसी अनजान सोर्स से APK फाइल डाउनलोड न करें। केवल Google Play Store या Apple App Store जैसे आधिकारिक ऐप स्टोर का उपयोग करें।
    • अपने SBI अकाउंट और सोशल मीडिया प्रोफाइल के लिए 2 फैक्टर ऑथेंटिकेशन को शुरू करें।
    • संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें: यदि आपने किसी लिंक पर क्लिक किया है या कोई APK इंस्टॉल किया है, तो तुरंत SBI कस्टमर्स सर्विस या साइबर अपराध अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट करें।