केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को संसद को बताया कि पिछले 8 सालों में केवल 7.22 लाख लोगों को सरकारी नौकरी मिली है। हालांकि इस दौरान नौकरी के लिए 22 करोड़ से भी ज्यादा आवेदन मिले।लोकसभा में तेलंगाना कांग्रेस सांसद ए रेवंत रेड्डी के प्रश्न के लिखित उत्तर में कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने यह जानकारी दी। रेड्डी ने वर्ष 2014 से अब तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में स्थायी नौकरी पाने वाले लोगों का ब्यौरा मांगा था।

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उन्होंने लोकसभा को बताया कि वर्ष 2014 से 2022 के दौरान केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्ति के लिये 22.05 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए और भर्ती एजेंसियों द्वारा 7.22 लाख अभ्यर्थियों की भर्ती की अनुशंसा की गई है। मंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 से अब तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्ति के लिये भर्ती एजेंसियों द्वारा अनुशंसित अभ्यर्थियों की संख्या 7,22,311 है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 के बाद से अब तक 22,05,99,238 आवेदन प्राप्त हुए थे।

सिंह द्वारा निचले सदन में पेश किये गए आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 में 1,86,71,121 आवेदन, 2020-21 में 1,80,01,469 आवेदन, 2019-20 में 1,78,39,752 आवेदन, 2018-19 में 5,09,36,479 आवेदन, 2017-18 में 3,94,76,878 आवेदन, 2016-17 में 2,28,99,612 अवदेन, 2015-16 में 2,95,51,844 आवेदन और 2014-15 में 2,32,22,083 आवेदन प्राप्त हुए।

जितेन्द्र सिंह ने कहा कि रोजगार सृजित करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने देश में रोजगार सृजन करने के लिये कई कदम उठाये हैं। वर्ष 2021-22 के बजट में 1.97 लाख करोड़ रूपये के परिव्यय के साथ 5 वर्षों की अवधि के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं शुरू की गई हैं।

उन्होंने बताया कि भर्ती एजेंसियों द्वारा 2021-22 में 38,850 अभ्यर्थियों, 2020-21 में 78,555 अभ्यर्थियों, 2019-20 में 1,47,096 अभ्यर्थियों की, 2018-19 में 38,100 अभ्यर्थियों, 2017-18 में 76,147 अभ्यर्थियों, 2016-17 में 1,01,333 अभ्यर्थियों, 2015-16 में 1,11,807 अभ्यर्थियों और 2014-15 में 1,30,423 अभ्यर्थियों की भर्ती की अनुशंसा की गई।